UP : कानपुर देहात में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान हुई मां-बेटी की मौत से उत्तर प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है. समाजवादी पार्टी ने इस घटना को हत्या करार दिया है. घटना जिले के रूरा थाना इलाके के मड़ौली गांव की है. गांव में अवैध अतिक्रमण हटाने गए तहसील प्रशासन की कृष्ण गोपाल दीक्षित के परिजनों से नोकझोंक हो गई. झोपड़ी में जब कृष्ण गोपाल की पत्नी और बेटी उसके अंदर थीं, तभी प्रशासन ने बुलडोजर चलवा दिया. जैसे ही बुलडोजर झोपड़ी को तहस;नहस करने लगा, वैसे ही वहां अचानक आग भड़क उठी. इसमे कृष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला दीक्षित और उनकी 23 साल की बेटी नेहा दीक्षित की जिंदा जलकर मौत हो गई. धधकती आग को बुझाने में कृष्ण गोपाल बुरी तरह से झुलस गए और बेटा शिवम भी मामूली रूप से जल गया.
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कृष्ण गोपाल दीक्षित ने कहा, उनके घर रूरा थाने के 20 पुलिसवालों समेत एसडीएम, तहसीलदार और लेखपाल आ धमके. हमने अनुरोध किया कि हमारे पास जमीन की व्यवस्था नहीं है. हमारा मामला कोर्ट में चल रहा है. यह सुनकर प्रशासनिक अधिकारी गाली-गलौज करने लगे और कहने लगे कि यह सब कुछ नहीं है. इसके बाद बुलडोजर से सब गिरा दिया. मंदिर भी गिरा दिया. हमारी झोपड़ी भी गिराने लगे. उसके अंदर हमारी बिटिया और पत्नी थी. घटना की जानकारी पर ग्रामीणों में आक्रोश देखने को मिला. मौके पर मौजूद लोगों ने ग्रामीणों को खदेड़ दिया. साथ ही लेखपाल की गाड़ी को पलट दिया. गांव में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल के साथ पीएसी भी तैनात कर दी गई है.
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प्रशासनिक अधिकारियों पर FIR दर्ज
वहीं, करीब 6 घंटे हंगामे के बाद रूरा थाने में SDM ज्ञानेश्वर प्रसाद, रूरा SHO दिनेश कुमार गौतम, लेखपाल अशोक सिंह, JCB ड्राइवर दीपक, मड़ौली गांव के ही रहने वाले अशोक दीक्षित, अनिल दीक्षित, निर्मल दीक्षित, विशाल और 10 से 12 सहयोगी अज्ञात और 3 अन्य लेखपालों के साथ ही 12-15 महिला-पुरुष पुलिसवालों पर आईपीसी की धाराओं 302, 307,436,429,323,34 के तहत परिजनों ने मामला दर्ज कराया है. वहीं, कमिश्नर राजशेखर ने कहा कि घटना बहुत ही हृदय विदारक है. घटना क्यों और कैसे हुई? इसके पीछे कौन है? इसकी जांच करवाई जाएगी और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला बोलीं- मैं हिफाजत नहीं कर पाई
उत्तर प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला और अकबरपुर विधानसभा से विधायक अपने कार्यकर्ताओं के साथ मौके पर पहुंचीं. विधायक ने बताया कि एक महीना पहले भी यह परिवार हमारे पास आया था. तब हमने जिलाअधिकारी नेहा जैन से बात की थी. तब हमें नहीं पता था कि उल्टे उस परिवार पर ही कार्रवाई कर दी गई है और आज इतनी बड़ी घटना हो गई. अगर यह जानकारी पहले से होती तो शायद यह घटना न होती. मैं क्षेत्र की विधायक हूं. मेरे महिला कल्याण में रहने से क्या फायदा? जब मैं अपने क्षेत्र की ही महिला बेटियों की हिफाजत नहीं कर पा रही हूं. इस पूरी घटना पर बहुत ही दुख है.
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