नीतीश ने तेजस्वी के करीबी मंत्री को दिया झटका, 480 अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के आदेश को निरस्त किया
यूएपी एक्ट के तहत अभियोजन स्वीकृति प्रस्ताव के लिए गाइडलाइन
- डीसी और एसपी के मंतव्य के साथ अभियोजन स्वीकृति का प्रस्ताव भेजा जाए. - औपचारिक प्राथमिकी की कंप्यूटर से टाइप की हुई प्रति होनी चाहिए. - वादी के लिखित आवेदन की प्रति भी प्रस्ताव के साथ भेजा जाए. - जब्ती सूची भेजी जाए, जिसमें जब्त किए गए सारी चीजों की पूरी जानकारी हो - कांड दैनिकी की अद्यतन प्रति भेजना जरूरी है - पर्यवेक्षक टिप्पणी की प्रति - आरोप पत्र प्रारूप की प्रति - टीआईपी की प्रति - अपराध स्वीकारोक्ति बयान की प्रति - यदि पूर्व में किसी अभियुक्त के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति प्राप्त हो, तो कांड दैनिकी की कंडिका की संख्या - प्रतिबंधित संगठन होने से संबंधित अधिसूचना की प्रति - एफएसएल रिपोर्ट या अन्य रिपोर्ट की प्रति और किस कंडिका में अंकित है, उसकी संख्या. - जिला स्तर पर यूएपी एक्ट के कांडों के अनुश्रवण के लिए मनोनीत नोडल पदाधिकारी का नाम, पदनाम और मोबाइल नंबर, ईमेल और पताक्या है यूएपी एक्ट 1967
यूएपीए का फुल फॉर्म अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट यानी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम है. इस कानून का मुख्य उद्देश्य आतंकी गतिविधियों पर रोक लगाना है. पुलिस और जांच एजेंसियां इस कानून के तहत ऐसे आतंकियों, अपराधियों और संदिग्धों को चिह्नित करती हैं, जो आतंकी गतिविधियों में शामिल होते हैं. यूएपीए वर्ष 1967 में लागू किया गया था. इस कानून में लगातार संशोधन होता भी रहे. वर्ष 2019 में यूएपीए कानून में संशोधन किया गया, जिसके बाद इस कानून के तहत जांच के आधार पर किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को आंतकवादी घोषित किया जा सकता है. यूएपीए में विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया जाता है. इसे भी पढ़ें - डीजीपी">https://lagatar.in/dgps-order-do-not-let-ats-run-short-of-fuel-during-raids/">डीजीपीका आदेश, छापेमारी के दौरान ATS को ईंधन की कमी ना होने दें [wpse_comments_template]
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