Ranchi: अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ रांची इकाई के आह्वान पर आज जिले के सभी प्रखंडों में शिक्षकों ने जिला शिक्षा अधीक्षक (DSE) बादल राज के तानाशाही और नियमविरुद्ध आदेशों के विरोध में काली पट्टी (ब्लैक बैज) बांधकर शिक्षण कार्य किया.
संघ द्वारा पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत प्राथमिक और मध्य विद्यालयों के शिक्षकों ने विरोध स्वरूप यह कदम उठाया. शिक्षकों का कहना है कि वार्षिक वेतन वृद्धि के लिए हिंदी टिप्पण परीक्षा पास करने और प्रथम श्रेणी दंडाधिकारी से शपथ पत्र जमा करने का जो निर्देश जारी किया गया है, वह न केवल अव्यवहारिक है बल्कि शिक्षकों के मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न जैसा है.
संघ के अनुसार रांची जिले में करीब 3000 शिक्षकों की जुलाई माह से वार्षिक वेतन वृद्धि रोक दी गई है जबकि राज्य के अन्य 23 जिलों में यह वेतन वृद्धि समय पर दे दी गई. इसको लेकर शिक्षकों में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला.
संघ के अध्यक्ष अनूप केशरी, मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद और जिला अध्यक्ष सलीम सहाय ने कहा कि डीएसई बादल राज का आदेश शिक्षकों के हितों के खिलाफ है और इसे त्वरित रूप से वापस लिया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राजधानी रांची जो राज्य का मुख्य जिला है. वहां के शिक्षक ही सबसे अधिक उपेक्षित हैं – यह स्थिति कार्य संस्कृति की विफलता को दर्शाती है.
आज के विरोध प्रदर्शन में जिले भर के अनेक शिक्षक शामिल हुए जिनमें प्रमुख रूप से बिजेंद्र चौबे, राकेश कुमार, अजय ज्ञानी, संतोष कुमार, सतीश बड़ाइक, विमलेश मिश्रा, मनोज पांडे, अरविंद कुमार, अफसरुद्दीन, रंजीत मोहन, मदन महतो, योगेन्द्र कुमार, गोवर्धन महतो, जुबैर आलम, सुमंत कुमार लाल, शिवनाथ टोप्पो, आगमलाल महतो, मुश्ताक कमर, जयप्रकाश कुमार, रविंदर गोंड, दीपक केरकेट्टा, प्रकाश चंद्र दास, भीम सिंह मुंडा, अमन बड़ा, कंचन लता, सुमन कुमारी, मोमिता, इन्द्रनाथ कुमार, आभा कुमार, रेणु कुमारी, सुशील इक्का, संगीता टोप्पो, सोनिया आभा कुजूर, पूनम, सुषमा इक्का, प्रिया कुमारी, संतोष तिवारी, नीता टोप्पो, विजय मुंडा, सहदेव कुमार, शमीम अंसारी, कमलेश गुप्ता, महफूज आलम, शंकर उरांव, कुसुम, कृपा लता, पुष्पा किंडो, नदीम सादिक, सत्येंद्र नारायण सिंह समेत बड़ी संख्या में शिक्षक उपस्थित रहे.
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