मेक इन इंडिया को मिलेगा बढ़ावा
सूत्रों के मुताबिक, इस दौड़ में अडाणी ग्रुप और लार्सन एंड टूर्बो भी शामिल है. लॉन्च व्हीकल के कॉन्ट्रैक्ट से सरकार की मेक-इन-इंडिया पहल को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही इसरो की क्षमता भी बढ़ेगी. ताकि हर साल अधिक उपग्रहों को लॉन्च किया जा सके. इसे भी पढ़े : युवती">https://lagatar.in/girl-rape-case-sunil-tiwari-will-have-to-wait-for-bail-ranchi-jc-court-transfers-the-case-to-another-court/142820/">युवतीसे दुष्कर्म मामला : सुनील तिवारी को जमानत के लिए करना होगा इंतज़ार, रांची JC की कोर्ट ने दूसरे कोर्ट में ट्रांसफर किया मामला
BHEL ने भी लगाई है बोली
न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) ने पांच पीएसएलवी के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (ईओआई) की घोषणा की थी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस पर पांच कंपनियों ने अपनी रिस्पॉन्स दिया था. फिर दिसंबर 2020 में आरएफपी जारी किया गया. आरएफपी जारी करने के बाद 30 जुलाई को तीन कंपनियों ने बोलियां जमा की. तीन कंपनियों में एक हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और एलएंडटी का कंसोर्टियम है. दूसरा अडानी-अल्फा डिजाइन, बीईएल और बीईएमएल का कंसोर्टियम है. जबकि भेल (BHEL) ने अकेले इसमें बोली लगाई है.अंतरिक्ष विभाग तहत काम करती है एनएसआईएल
बता दें कि एनएसआईएल एक अंतरिक्ष-पीएसयू है जो अंतरिक्ष विभाग तहत काम करती है. पहले एनएसआईएल को इसरो की एक कॉमर्शियल ब्रांच के रूप में माना जाता था. बाद में इसे लॉन्च वाहनों के उत्पादन करने का अधिकार दिया गया. इसे भी पढ़े : Flipkart">https://lagatar.in/jharkhandi-gujiya-and-desi-ghee-dishes-will-be-available-on-flipkart-and-amazon/142859/">Flipkartऔर Amazon पर मिलेंगे झारखंडी गुजिया और देशी घी के पकवान
इस साल के अंत तक मिल सकता है कॉन्ट्रैक्ट
एनएसआईएल के अध्यक्ष राधाकृष्णन डी ने कहा कि मूल्यांकन होने के बाद बोलियां खोली जायेगी. राधाकृष्णन ने बताया कि प्रक्रिया पूरी होने में टाइम लगेगा. सूत्रों के अनुसार, इस साल के अंत तक कॉन्ट्रैक्ट मिल जायेगी. लॉन्च व्हीकल बनाने के लिए जिस एंटिटी का चयन होगा वो लाइसेंस प्राप्त मैन्युफैक्चरर होगी. इसे भी पढ़े : चक्रधरपुर">https://lagatar.in/chakradharpur-the-bridge-being-built-on-sanhua-nala-with-3-5-crores-is-lying-incomplete-for-four-years-contact-breaks-in-rain/142824/">चक्रधरपुर: सनहुआ नाला पर 3.5 करोड़ से बन रहा पुल चार साल से पड़ा है अधूरा, बारिश में टूट जाता है संपर्क [wpse_comments_template]

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