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सुनंदा पुष्कर मौत मामले में शशि थरूर की अदालत से बरी करने की गुहार, 23 मार्च को फिर सुनवाई

NewDelhi : कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत से जुड़े मामले में दिल्ली की एक अदालत से गुहार लगायी है कि उन्हें इस मामले में बरी किया जाना चाहिए.  थरूर की दलील  थी  कि विशेषज्ञों ने कई तरह की जांच की हैं, लेकिन उनकी मौत के कारणों पर कोई निश्चित राय  नहीं है. खबर है कि थरूर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने सुनंदा पुष्कर मामले में थरूर को बरी किये जाने की अनुरोध करते हुए अदालत में दलील दी  कि उनके खिलाफ आईपीसी की धाराओं 498ए या 306 के तहत दंडनीय अपराध को साबित करने के लिए कोई भी सबूत नहीं है. पाहवा ने कहा कि सुनंदा मौत को आकस्मिक माना जाना चाहिए. इसे भी पढ़ें : प्रताप">https://lagatar.in/arvind-subramaniam-also-resigns-from-ashoka-university-after-pratap-bhanu-mehta/39333/">प्रताप

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सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी, 2014 की रात को शहर के एक होटल में मृत पायी गयी थी

बता दें कि सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी, 2014 की रात को शहर के एक होटल में मृत पायी गयी थी. पाहवा ने बुधवार को विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल को बताया कि जांच के दौरान विशेषज्ञों की तरफ से जांच अधिकारी (आईओ) के सामने कई रिपोर्ट दी गयी हैं, लेकिन मौत के कारणों पर कोई निश्चित राय नहीं थी. थरूर के वकील ने कहा कि पुलिस की तरफ से वर्षों की जांच के बाद भी, अभियोजन पक्ष मौत के कारण की पहचान करने में नाकाम रहा है.  कहा कि पुष्कर मौत के समय तमाम तरह की बीमारियों से जूझ रही थीं। आरोपों पर दलीलें पूरी नहीं होने के कारण अदालत 23 मार्च को मामले में फिर सुनवाई करेगी. थरूर पर इंडियन पेनल कोड की धारा 498 ए और 306 के तहत आरोप लगाये गये थे, हालांकि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था.   शशि थरूर को 5 जुलाई, 2018 को जमानत मिल गयी थी.

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