Ranchi : रांची के गोंदा थाना क्षेत्र में रहने वाली महिला को आपराधिक प्रवृत्ति के एक व्यक्ति द्वारा धमकाने के मामले में डीजीपी अनुराग गुप्ता ने संज्ञान लिया है. उन्होंने इसकी जांच का जिम्मा डीआईजी बजट संध्या रानी मेहता को सौंपा है.
डीजीपी अनुराग गुप्ता ने रांची एसएसपी को निर्देश दिया है कि जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक गोंदा और नामकुम थाना के जांचकर्ता कोई कार्रवाई नहीं करेंगे.
जानें क्या है पूरा मामला
खुशी तिवारी, जिनके पति उन्हें पहले ही छोड़ चुके हैं, वर्तमान में आर्थिक तंगी से जूझ रही है. इसी कारण उन्होंने कुछ रकम ब्याज पर ली थी. उनका आरोप है कि पैसे लेने के बाद प्रियंका नायक और उसके भाई काशीनाथ नायक ने उन्हें धमकाना शुरू कर दिया. खुशी का कहना है कि उस पर काशीनाथ से शादी करने का दबाव बनाया जा रहा था.
काशीनाथ नायक नामकुम थाना क्षेत्र का रहने वाला है. उस पर फर्जी शादीनामा बनवाने और खुशी की अश्लील तस्वीरें बनाकर ब्लैकमेल करने का आरोप है. खुशी ने इस संबंध में गोंदा थाना में एक मामला दर्ज कराया, जिसके बाद काशीनाथ को गिरफ्तार किया गया.
खुशी का आरोप है कि जेल से छूटने के बाद काशीनाथ उसे धमकाने लगा. उसने अपनी पत्नी के साथ मिलकर नामकुम थाना में उन पर और उनके परिवार पर झूठा केस दर्ज करवाया. खुशी को शक है कि काशीनाथ जमीन दलाल है और स्थानीय पुलिस अधिकारियों से उसकी मिलीभगत है.
महिला ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारी डीके सिंह भी उन्हें और उनके परिवार वालों को झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दे रहे हैं.
डीजीपी ने मामले में लिया संज्ञान, एसएसपी को दिए निर्देश
मामला जब डीजीपी के संज्ञान में आया, तो उन्होंने रांची के एसएसपी को निर्देश दिया कि जब तक डीआईजी बजट संध्या रानी मेहता जांच पूरी नहीं कर लेतीं, तब तक गोंदा और नामकुम थाना के जांचकर्ता कोई कार्रवाई नहीं करेंगे. साथ ही नामकुम थाना के जांचकर्ता को यह भी निर्देश दिया है कि वे डीआईजी के आदेश के बिना खुशी तिवारी के घर न जाएं.
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