राज्यपाल को कराया संवैधानिक दायित्वों का बोध
सुप्रियो भट्टाचार्य ने पूर्व राज्यपाल और वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का उदाहरण प्रस्तुत हुए कहा कि वे जब पूर्ववर्ती रघुवर सरकार द्वारा सीएनटी-एसपीटी संशोधन एक्ट विधेयक वापस किया था, तो उन्होंने अपना संदेश भी प्रेषित किया था. मगर पूर्व राज्यपाल रमेश बैस ने इन तीनों बिल को वापस तो किया, मगर उसका संदेश नहीं प्रेषित नहीं किया. वर्तमान राज्यपाल ने भी इसे अभी तक भेजना उचित नहीं समझा.भाजपा के एजेंडे को फुलफिल करने यहां आए हैं
उन्होंने कहा कि कोई विधेयक जब राज्य विधानसभा मंडल या संसद पारित करता है, तो केंद्र में राष्ट्रपति और राज्य में राज्यपाल को भेजा जाता है. इसके बाद राज्यपाल चार तरीके से उस बिल को लेकर काम कर सकते हैं. पहला- राज्यपाल इस बिल को सहमति प्रदान करें, दूसरा- अगर उसमें कोई त्रुटि प्रतीत होती है तो वह विधानसभा को अवगत कराएं, तीसरा- उस विधेयक पर राज्यपाल विधि विशेषज्ञों की राय ले सकते हैं और चौथा- उस बिल को राष्ट्रपति के पास भेज सकते हैं. अगर राज्यपाल द्वारा उसे लौटाया जाता है तो उसके तुरंत बाद राजभवन द्वारा लौटाए जाने का संदेश प्रेषित किया जाता है. मगर अब तक ऐसा नहीं हुआ. पूर्व राज्यपाल रमेश बैस तो सीधे तौर पर भाजपा के इशारे पर काम कर रह थे. मगर ऐसा प्रतीत होता है कि वर्तमान राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन भी भाजपा के एजेंडे को फुलफिल करने यहां आए हैं.राजभवन के अफसरों की कार्यशैली पर भी उठाए सवाल
झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने राज्यपाल के साथ-साथ राजभवन सचिवालय और वहां के अफसरों की कार्यशैली पर भी सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि राजभवन में कार्यरत अफसरों को भी अपने कर्त्तव्यों का बोध नहीं है. राज्यहित से जुड़े सरकार के फैसलों पर राजभवन सचिवालय को क्या करना है, यह भी क्या उन्हें पता नहीं है. आखिरकार अफसर किसके इशारे पर काम रहे हैं.झामुमो डरने वाला नहीं, यह आंदोलन की धरती है
सुप्रियो भट्टाचार्य ने चुनौती देते हुए कहा कि क्या राज्य की विकासशील सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है. क्या राज्य सरकार को जनहित से जुड़े काम करने से रोका जा रहा है. अगर ऐसा है तो झामुमो किसी से डरने वाला नहीं है. यह आंदोलन की भूमि रही है. 1855 का संथाल हूल विद्रोह, तमाड़ का कोल विद्रोह, झारखंड अगल राज्य से जुड़े आंदोलन या फिर महाजनी प्रथा का आंदोलन इसके उदाहरण हैं. इसे भी पढ़ें – विश्व">https://lagatar.in/world-hepatitis-day-liver-related-diseases-can-die-if-not-treated-at-the-right-time/">विश्वहेपेटाइटिस दिवसः लिवर संबंधित बीमारियों में सही समय पर इलाज नहीं हुआ तो जा सकती है जान [wpse_comments_template]
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