Tundi : पश्चिमी क्षेत्र मनियाडीह पंचायत अंतर्गत शीतलपुर गांव में झुंड से बिछड़े दो हाथी रात्रि लगभग 11 बजे त्रिवेणी चौधरी और मृत्युंजय चौधरी के खलिहान में घुसकर धान चट कर गए, नवल चौधरी के खलिहान को तहस-नहस कर दिया और आलू की फसलों को रौंदते हुए निकल गए. झुंड से बिछड़े दोनों हाथियों ने भेलवई गांव में यमुना मरांडी के मिट्टी के मकान को क्षतिग्रस्त कर दिया और घर में रखे अनाज खा गए. घरेलू सामान को भी बिखेर दिया. मकान मालिक के अनुसार रात में सोते समय अचानक हाथियों की आवाज सुनकर जगे तो किसी तरह जान बचाकर भागने में ही भलाई समझी. हाथियों का मन नहीं भरा तो बगल के फूलचंद मरांडी के खलिहान में रखे धान को भी मन भर खाया और इधर-उधर बिखेर दिया. झुंड से बिछड़े दोनों हाथियों ने शीतलपुर से भेलवई तक लगभग चार घंटे उत्पात मचाया, परन्तु वन विभाग को कोई सरोकार नहीं रहा. समाचार लिखते वक्त संवाददाता ने रेंजर बिनोद ठाकुर से दूरभाष पर गतिविधि की जानकारी ली, तो उन्होंने कहा कि आज उनकी टीम के सदस्य दिन में 11 बजे मुआयना करने गए थे. बताते चलें कि हाथियों से टुंडी में हर वर्ष जान माल का नुकसान होता रहा है और वन विभाग कागजी घोड़ा दौडाने में मशगूल है या यूं कहें कि उसकी आड़ में आज तक राशियों की बंदरबांट होती रही है. यह भी पढ़ें : गिरिडीह">https://lagatar.in/giridih-the-medical-system-in-rural-areas-is-in-bad-shape/">गिरिडीह
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पश्चिमी टुंडी में हाथियों ने फसल रौंदी, कई घरों को तोड़ा

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