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Ranchi: बढ़ते प्रदूषण पर रोक लगाने और बायो मेडिकल वेस्ट का निपटारा करने के लिए रिम्स में बायो मेडिकल वेस्ट डंप बॉक्स बनवाया जा रहा है. इसका निर्माण पीडब्ल्यूडी करा रही है. यह पहल कॉमन बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट को लागू करने के लिए की गई है. लेकिन बीते एक साल से इसका निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है.अभी मेडिकल वेस्ट को पुराने इंसीनरेटर प्लांट के पास खुले में डंप किया जाता है. वहीं बीते एक साल में रिम्स से 1 लाख 20 हजार 224 किलो बायो मेडिकल वेस्ट निकला है. इधर, लगातार.इन (शुभम संदेश) संवाददाता ने रिम्स गर्ल्स हॉस्टल के पीछे बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए लगे इंसीनरेटर की पड़ताल की तो यह बंद पाया गया. गेट में ताले लगे हुए हैं और इंसीनरेटर का शेड पूरी तरह से जर्जर हो चुका है.
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नगर निगम के डस्टबिन में मेडिकल वेस्ट डाल रहे सफाई कर्मचारी
इधर, रिम्स परिसर कोकर रोड में ट्रॉमा सेंटर से पहले रांची नगर निगम के द्वारा स्मार्ट डस्टबिन लगाया गया है. जहां रिम्स में आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से काम करने वाले सफाई कर्मचारी मेडिकल वेस्ट को फेंक देते हैं. जिस कारण संक्रमण का खतरा मंडराता रहता है. पूछने पर एक सफाई कर्मी ने कहा कि कचरा जलाने वाली मशीन बंद है तो यहीं पर अस्पताल से निकलने वाले कचरे को फेंक देते हैं.
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बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण के लिए कंपनी से रिम्स का हुआ है करार
वहीं अस्पताल से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट को निगम के डस्टबिन में फेंके जाने के मामले पर रिम्स के पीआरओ डॉ राजीव रंजन ने कहा कि यह तथ्यात्मक रूप से गलत है. बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए मेडिकेयर एनवॉयरमेंट प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा ले जाया जाता है. मेडिकल वेस्ट अन्यत्र नहीं फेंका जाता है.
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