Ranchi : कोरोना काल में भले ही अर्थव्यवस्था चरमरा गई है, लेकिन कोरोना ने कुछ लोगों रोजगार भी दिया है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि कोरोना काल से पूर्व बमुश्किल से एक ताबूत- “कॉफिन बॉक्स” बिकता था. वहीं वर्तमान समय में ताबूत की मांग बढ़ी है. राजधानी रांची के बहु बाजार इलाके में करीब आधा दर्जन से भी अधिक कॉफिन बॉक्स की दुकान है. यहां बॉक्स की खरीददारी के लिए आने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है.
हर रोज पांच-छह कॉफिन बॉक्स की हो जाती बिक्री
रांची के बहु बाजार के सतीश होरो कॉफ़िन बॉक्स सेंटर के संचालक ने कहा कि कोरोना काल से पूर्व बमुश्किल एक कॉफिन बॉक्स ही बिकता था. लेकिन अब पांच से छह कॉफिन बॉक्स बिक जाता है. उन्होंने कहा कि एक ताबूत को तैयार करने में करीब दो घंटा समय लग जाता है. बॉक्स की कीमत 2500 से लेकर चार हजार रुपए तक है. संचालक भी मानते हैं कि इस कोरोना काल में मौत के बढ़ते आंकड़े की वजह से ताबूत की मांग बढ़ी है.
ताबूत तैयार करने में लगे पूरे परिवार के लोग
वहीं चर्च रोड के कॉफिन बॉक्स के कारीगर और विक्रेता भीमसेन होरो ने बताया कि कोरोना काल से पूर्व सप्ताह में दो दिन काम करने के बाद 3-4 बॉक्स तैयार हो जाता है. इतने ताबूत बेचने में सप्ताह भर से ज्यादा समय लग भी जाता था. लेकिन अब तो पूरे परिवार के लोग कॉफिन बॉक्स बनाने में लगे हुए हैं. संचालक ने कहा, समय दूसरों के लिए भले ही खराब चल रहा है, लेकिन हमारे लिए व्यवसाय का अच्छा समय है.
क्रिश्चियन धर्म को मनाने वाले लोग ताबूत में शव डाल करते हैं दफन
क्रिश्चियन धर्म को मनाने वाले लोग अपने परिवार के मृतक के शव को ताबूत में डालकर ही कब्रिस्तान में दफन करते हैं. समय कोरोना का है. ऐसे में शमशान से लेकर कब्रिस्तान तक मौत का मंजर दिख रहा है.