पीएम मोदी के साथ गणेश पूजा करते हुए उनकी तस्वीरों के सामने आने के राजनीतिक मायने को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मेरे घर एक निजी कार्यक्रम के लिए आये थे, मुझे नहीं लगता है कि इसमें कुछ भी गलत था.
NewDelhi : सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच संवाद बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं होता कि हमेशा सरकार के खिलाफ ही फैसले दिये जायें. उन्होंने लोगों से जजों पर भरोसा रखने की अपील की. बता दें कि श्री चंद्रचूड़ कुछ दिनों बाद रिटायर होने वाले हैं. वे एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. सीजेआई से 11 सितंबर को पीएम मोदी के साथ गणेश पूजा करते हुए उनकी तस्वीरों के सामने आने के राजनीतिक मायने को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मेरे घर एक निजी कार्यक्रम के लिए आये थे, यह कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं था. मुझे नहीं लगता है कि इसमें कुछ भी गलत था. इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के एक कार्यक्रम में सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि कुछ प्रेशर ग्रुप हैं जो मीडिया का उपयोग करके अदालतों पर दबाव डालते हैं और अपने अनुकूल फैसले लेने की कोशिश करते हैं.
न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच सामाजिक स्तर पर निरंतर बैठकें होती रहती हैं
सीजेआई ने कहा कि न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच सामाजिक स्तर पर निरंतर बैठकें होती रहती हैं. पूछा गया कि क्या वह इस तस्वीर में कुछ बदलते हुए देखना चाहेंगे…जैसे कि अन्य जजों या विपक्ष के नेता का शामिल होना? इस पर चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने हंसी के अंदाज में कहा कि ऐसा करने पर वह एक चयन समिति बन जाती. इस क्रम में उन्होंने कहा कि वे विपक्ष के नेता को इसलिए शामिल नहीं करेंगे, क्योंकि यह केंद्रीय सतर्कता आयुक्त या सीबीआई निदेशक की नियुक्ति के लिए कोई चयन समिति नहीं है.
मैंने A से Z तक अर्नब से लेकर जुबैर तक सभी को जमानत पर रिहा किया है
अदालतों द्वारा कई मामलों में जमानत न दिये जाने के संदर्भ में सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि सीजेआई के रूप में यह उनके समक्ष यह गंभीर चिंता का सबब है कि यह संदेश निचली अदालतों तक नहीं पहुंच पाया है कि जमानत एक नियम है, अपवाद नहीं. ये अदालतें जमानत देने से हिचकिचाती हैं. उन्होंने खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि जहां तक मेरी बात है, मैंने हमेशा कहा है कि मैंने A से Z तक अर्नब से लेकर जुबैर तक सभी को जमानत पर रिहा किया है.
मैंने इलेक्टोरल बॉन्ड के मामले में केंद्र सरकार के खिलाफ फैसला दिया
दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में चंद्रचूड़ ने कहा, मैंने जब इलेक्टोरल बॉन्ड के मामले में केंद्र सरकार के खिलाफ फैसला दिया तो उसे निष्पक्ष माना गया था. जब आप इलेक्टोरल बॉन्ड्स के मामले में फैसला देते हैं, तो पूरी तरह आजाद माने जाते हैं, अगर कोई फैसला सरकार के पक्ष में हो तो फिर आप आजाद नहीं रहते. मुझे लगता है कि स्वतंत्रता की यह परिभाषा नहीं है. याद करें कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी 2024 को इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को असंवैधानिक करार दिया था.
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में समाधान के लिए भगवान से प्रार्थना की
अयोध्या राम मंदिर विवाद के समाधान के लिए भगवान से प्रार्थना करने संबंधी अपने बयान के सदर्भ में उन्होंने कहा कि वे सभी धर्मों का सम्मान करने वाले आस्थावान व्यक्ति हैं, सीजेआई ने कहा, ‘यह सोशल मीडिया की समस्या है. आपको उस पृष्ठभूमि के बारे में भी बताना चाहिए, जिसके तहत मैंने वह बात कही थी. कहा कि मैंने यह बयान अपने पैतृक गांव कन्हेरसर के निवासियों को संबोधित करते हुए दिया था. कहा था कि उन्होंने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में समाधान के लिए भगवान से प्रार्थना की थी. कहा था कि अगर किसी के अंदर आस्था हो तो भगवान रास्ता निकाल देगा.
सरकार कॉलेजियम की लंबित सिफारिशों को मंजूरी दे देगी
विभिन्न न्यायालयों में न्यायिक नियुक्तियों पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सरकार कॉलेजियम की लंबित सिफारिशों को मंजूरी दे देगी.कहा कि उनमें से कुछ नाम अभी भी सरकार के पास लंबित हैं. उम्मीद जताई कि सरकार द्वारा उन्हें मंजूरी दे दी जायेगी. यह पूछे जाने पर कि क्या न्यायाधीशों की नियुक्ति में देर कर सरकार अपने वीटो पावर का इस्तेमाल करती है? इस पर CJI ने वीटो सिर्फ सरकार द्वारा ही नहीं लगाया जाता…कॉलेजियम द्वारा भी वीटो का इस्तेमाल किया जाता है.