झारखंड की पांच लोकसभा सीटों पर निर्दलीय के आने से त्रिकोणीय हुआ मुकाबला
मुख्य दलों का बिगड़ सकता है खेल
तीन नेताओं ने झामुमो और एक ने राजद से की बगावत
जेबीकेएसस के जयराम महतो निर्दलीय ठोंक रहे ताल
Satya Sharan Mishra
Ranchi: झारखंड के पांच लोकसभा सीटों पर निर्दलीय के आने से ‘इंडिया’ और एनडीए की टेंशन बढ़ गई है. लोहरदगा, चतरा, राजमहल, कोडरमा और गिरिडीह लोकसभा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशियों के उतरने से त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं. ये निर्दलीय इन लोकसभा सीटों पर खेल बिगाड़ सकते हैं. इनमें से तीन नेता झामुमो और एक नेता राजद से बगावत कर चुनाव लड़ने वाले हैं.
झामुमो के विधायक चमरा लिंडा लोहरदगा लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर चुके हैं. राजमहल सीट से झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं. वहीं गांडेय के पूर्व विधायक जयप्रकाश वर्मा झामुमो से बगावत कर चुके हैं और कोडरमा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले हैं. पूर्व मंत्री गिरिनाथ सिंह राजद से बगावत कर चतरा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. वहीं गिरिडीह से खतियानी मोर्चा के जयराम महतो निर्दलीय ताल ठोंकने वाले हैं. ये पांचों नेता दम-खम वाले हैं. जननेता के रूप में इन्होंने अपनी पहचान बनाई है. इनका अपना अलग वोट बैंक है. ऐसे में पांचों निर्दलीय प्रत्याशी लोकसभा चुनाव में संबंधित पांचों सीटों पर खेल बिगाड़ सकते हैं.
लोहरदगा में चमरा ने बढ़ाई कांग्रेस-भाजपा की धड़कन
चमरा लिंडा वर्ष 2004, 2009 और 2014 में लोहरदगा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि, वो कभी जीत नहीं पाये, लेकिन उन्हें अच्छे वोट मिले. 2004 में वे तीसरे नंबर पर थे. 2009 में दूसरे स्थान और 2014 में तीसरे स्थान पर थे. तीनों चुनाव में मिले वोट से यह साफ है कि चमरा लिंडा का लोहरदगा में अपना जनाधार है. ‘इंडिया’ गठबंधन में सीट शेयरिंग के तहत लोहरदगा सीट कांग्रेस के खाते में चली गई. ऐसे में चमरा लिंडा झामुमो से बगावत कर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गये. उनके उतरने से लोहरदगा में अब कांग्रेस-भाजपा और उनमें त्रिकोणीय मुकाबला हो गया है.
राजमहल में बागी लोबिन करेंगे भारी उलटफेर
राजमहल लोकसभा सीट से झामुमो ने सीटिंग सांसद विजय हांसदा को उतारा है. वहीं भाजपा ने ताला मरांडी को टिकट दिया है. बोरियो से झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम राजमहल से टिकट की दावेदारी कर रहे थे, लेकिन जब टिकट नहीं मिला, तो उन्होंने भी बगावत करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. 2005 में झामुमो ने विधानसभा चुनाव में लोबिन का टिकट काटा था. उस वक्त भी लोबिन निर्दलीय चुनाव में उतर गये थे और चुनाव जीत भी गए. अब राजमहल लोकसभा सीट से लोबिन के उतरने से झामुमो की टेंशन बढ़ गई है.
चतरा में कांग्रेस-भाजपा की टेंशन बढ़ायेंगे गिरिनाथ
पूर्व मंत्री गिरिनाथ सिंह चतरा लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट के दावेदार थे, लेकिन भाजपा ने कालीचरण सिंह को टिकट दे दिया. इससे नाराज गिरिनाथ टिकट की उम्मीद में वापस अपने पुराने घर राजद पहुंच गये, लेकिन ‘इंडिया’ गठबंधन की सीट शेयरिंग में यह सीट कांग्रेस के खाते में चली गई. कांग्रेस ने वहां से केएन त्रिपाठी को उतार दिया है. अब गिरिनाथ सिंह चतरा से निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. पूर्व स्पीकर इंदर सिंह नामधारी चतरा सीट से निर्दलीय चुनाव जीत चुके हैं. गिरिनाथ के चुनाव मैदान में आने से कांग्रेस और भाजपा दोनों को परेशानी हो सकती है.
जयप्रकाश के आने से कोडरमा में त्रिकोणीय संघर्ष
कोडरमा में प्रो. जयप्रकाश वर्मा ने भाजपा और भाकपा माले की टेंशन बढ़ा दी है. कोडरमा सीट पर गांडेय विधानसभा के पूर्व विधायक और झामुमो नेता प्रो. जयप्रकाश वर्मा ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोंक दी है. टिकट की उम्मीद में जयप्रकाश झामुमो में शामिल हुए थे, लेकिन ‘इंडिया’ गठबंधन में सीट शेयरिंग के तहत कोडरमा सीट भाकपा माले के खाते में चली गयी. बगोदर से माले विधायक बिनोद सिंह यहां से चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं भाजपा से केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी दाेबारा चुनाव मैदान में है. जयप्रकाश के आने से यहां भी त्रिकोणीय मुकाबला होगा.
गिरिडीह में जयराम के आने से मुकाबला त्रिकोणीय
झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति के अध्यक्ष व चर्चित युवा नेता जयराम महतो गिरिडीह लोकसभा सीट में बतौर निर्दलीय मैदान में हैं. गिरिडीह में एनडीए की सीट शेयरिंग के तहत आजसू पार्टी के चंद्रप्रकाश चौधरी चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, गठबंधन में झामुमो से मथुरा महतो चुनाव मैदान में हैं. जयराम के आने से यहां का मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. जयराम की युवा वोटरों पर अच्छी पकड़ है. झारखंड की भाषा, खतियान और स्थानीय युवाओं की नौकरी के सवाल पर जोरदार आंदोलन कर उन्होंने पिछले कुछ सालों में जनता के बीच अपनी गहरी पैठ बनाई है.