बता दें कि राहुल गांधी ने जिस खबर का स्क्रीनशॉट शेयर किया है उसमें वी-डेमोक्र्सी (वेरायटीज ऑफ डेमोक्रेसी) की ओर से जारी रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि भारत अब उतनी ही तानाशाही वाला देश बन चुका है, जितना पाकिस्तान है. रिपोर्ट में भारत को बांग्लादेश से भी खराब बताया गया है. अमेरिकी संस्था `फ्रीडम हाउस` की रिपोर्ट के एक सप्ताह बाद ही स्वीडिश संस्था वी-डेमोक्रेसी ने भी भारत में लोकतंत्र की स्थिति पर चिंता जताई है. वी-डेमोक्रेसी ने भारत को इलेक्टोरल ऑटोक्रेसी यानी चुनावी तानाशाही वाले देशों की सूची में शामिल किया है. पिछले सप्ताह फ्रीडम हाउस ने डेमोक्रेसी अंडर सीज नाम से जारी अपनी रिपोर्ट में भारत को आंशिक रूप से स्वतंत्र श्रेणी में रखा था. भारत सरकार ने उस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए रिपोर्ट को भ्रामक, गलत और अनुचित करार देते हुए खारिज किया था. इसे भी पढ़ें : ममता">https://lagatar.in/mamta-banerjees-health-improves-special-observer-of-election-commission-will-visit-nandigram-today/36536/">ममताIndia is no longer a democratic country. pic.twitter.com/iEwmI4ZbRp
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11, 2021
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वी-डेमोक्रेसी ने भारत को चुनावी तानाशाही वाला देश बताया
वी-डेमोक्रेसी ने ऑटोक्रेटाइजेशन गोज वायरल शीर्षक की अपनी रिपोर्ट में भारत को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के दर्जे से हटाकर चुनावी तानाशाही वाला देश बताया है. इसके लिए मीडिया पर अंकुश, मानहानि और राजद्रोह कानूनों का हद से ज्यादा इस्तेमाल को वजह बताई गयी है. बता दें कि वी-डेमोक्रेसी की सालाना रिपोर्ट में भारत ने 2013 में सबसे ज्यादा 0.57 (शून्य से एक के बीच स्केल) स्कोर हासिल किया था, जबकि 2020 के लिए यह स्कोर महज 0.34 है. इसे भी पढ़ें : प्रकाश">https://lagatar.in/prakash-javadekar-brainstorms-on-it-rules-2021-with-digital-news-publishers-association/36526/">प्रकाशजावड़ेकर ने डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन के साथ आईटी नियम 2021 पर मंथन किया
भारत पाकिस्तान जितना ही निरंकुश है
रिपोर्ट में कहा गया है कि सेंसरशिप के मामले में भारत पाकिस्तान जितना ही निरंकुश है. वह अपने पड़ोसी देशों बांग्लादेश और नेपाल से भी बुरा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि मोदी की अगुआई वाली सरकार अपने आलोचकों को चुप कराने के लिए राजद्रोह, मानहानि और काउंटर टेररिज्म के कानूनों का इस्तेमाल कर रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से अब तक 7 हजार से ज्यादा लोगों के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया गया है. इनमें ज्यादातर वे हैं जो सत्ताधारी पार्टी के आलोचक हैं. इससे पहले अमेरिकी सरकार द्वारा फंडेड एनजीओ फ्रीडम हाउस ने पिछले सप्ताह अपनी रिपोर्ट में भारत को आंशिक रूप से स्वतंत्र` देशों की श्रेणी में रखा था. रिपोर्ट में उसने भारत के गलत नक्शे का इस्तेमाल किया था. इस पर भारत सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक बयान में कहा, फ्रीडम हाउस की डेमोक्रेसी अंडर सीज शीर्षक वाली रिपोर्ट, जिसमें दावा किया गया है कि एक स्वतंत्र देश के रूप में भारत का दर्जा घटकर आंशिक रूप से स्वतंत्र रह गया है, पूरी तरह भ्रामक, गलत और अनुचित है. इसी क्रम में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था कि फ्रीडम हाउस के राजनीतिक फैसले उतने ही गलत हैं जितने कि उनके नक्शे. इसे भी पढ़ें : चुनाव">https://lagatar.in/the-election-commission-termed-the-allegations-made-in-tmcs-memorandum-unfortunate-on-mamtas-injuries/36503/">चुनावआयोग ने ममता के घायल होने पर टीएमसी के ज्ञापन में लगाये गये आरोपों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया

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