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भारत ने अगस्तावेस्टलैंड से जुड़ी इटली की डिफेंस कंपनी लिओनार्डो एसपीए से प्रतिबंध हटाया, शर्तें लागू

 NewDelhi : भारत ने  इटली की डिफेंस साजोसामान बनाने वाली कंपनी (लिओनार्डो एसपीए) के साथ व्यापार सौदों पर लगी रोक हटा दी है, बता दें कि यह कंपनी 3,546 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में शामिल अगस्ता वेस्टलैंड इंटरनेशनल से जुड़ी फिनमेकेनिका समूह का हिस्सा रही है.  खबर है कि  रक्षा मंत्रालय द्वारा कुछ शर्तों के साथ लियोनार्डो एसपीए के साथ व्यापार फिर से शुरू करने का फैसला किया गया है.

  व्यावसायिक दावा नहीं कर सकेगी कंपनी

टाइम्स ऑफ इंडिया ने शनिवार को सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा कि शर्तों के तहत, लियोनार्डो एसपीए किसी भी पिछले सौदे के लिए कोई व्यावसायिक दावा नहीं कर सकता है या भारत सरकार के खिलाफ कोई नागरिक मुकदमा दायर नहीं कर सकता है. सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा जो भी व्यापारिक सौदे होंगे उसका उसके पहले के सौदों से कोई प्रभाव नहीं होगा. साथ ही सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कथित वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले की चल रही जांच जारी रहेगी. इसे भी पढ़ें : हरियाणा">https://lagatar.in/bjp-mp-threatens-to-hold-leaders-hostage-in-haryana/">हरियाणा

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इटली का अनुरोध स्वीकार 

खबरों के अनुसार रक्षा मंत्रालय ने इतालवी कंपनी पर से प्रतिबंध हटाने का फैसला हाईलेवल मीटिंग के बाद किया. यह निर्णय विधि मंत्रालय के साथ परामर्श के बाद लिया गया.  बता दें कि इससे पहले लियोनार्डो एसपीए की तरफ से बैन खत्म कर फिर से डिफेंस डील करने का अनुरोध किया गया था. जान लें कि  इटली बार-बार भारत से द्विपक्षीय वार्ता में प्रतिबंध हटाने की मांग करता रहा है.  प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 अक्टूबर को रोम में जी -20 शिखर सम्मेलन के मौके पर अपने इतालवी समकक्ष मारियो ड्रैगी के साथ पहली व्यक्तिगत बैठक भी की थी इसे भी पढ़ें :  सुबह">https://lagatar.in/morning-news-diary-7-november-2021/">सुबह

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1,200 करोड़ रुपये का सौदे खटाई में पड़ गया था.

सूत्रों ने अनुसार लियोनार्डो एसपीए और उसकी सहायक कंपनियों पर प्रतिबंध के कारण अंतरराष्ट्रीय हथियार बाजार में भारत के सीमित  विकल्प थे.   यह कंपनी टॉरपीडो और 127 मिमी नौसैनिक बंदूकों से लेकर रडार और कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों सहित कई हथियारों  का उत्पादन करती है.  घोटाले के कारण मझगांव डॉक्स में बनाई जा रही 6 फ्रांसीसी मूल की स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के लिए फिनमेकेनिका की सहायक कंपनी से ब्लैक शार्क भारी वजन वाले टॉरपीडो खरीदने के लिए भारत का प्रस्तावित 1,200 करोड़ रुपये का सौदे खटाई में पड़ गया था. इसे भी पढ़ें : मुंबई">https://lagatar.in/mumbai-crime-branch-alleges-sachin-used-to-extort-money-from-cricket-bookies-at-the-behest-of-parambir-singh/">मुंबई

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360 करोड़ रुपये की घूस देने का मामला

कुछ साल पीछे जायें तो 2012 की शुरुआत में 3,546 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए भारतीय राजनेताओं, नौकरशाहों और IAF अधिकारियों को 360 करोड़ रुपये रिश्वत के रूप में दिये जाने का आरोप लगा था.  यह सौदा 2010 में किया गया था. रक्षा मंत्रालय ने अगस्ता वेस्टलैंड को सभी भुगतान रोक दिये थे. इसके बाद  2013-2014 में अनुबंध को समाप्त कर दिया गया. इस मामले में सीबीआई ने पूर्व वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एसपी त्यागी, फिनमेकेनिका के सीईओ ग्यूसेप ओरसी, अगस्ता वेस्टलैंड के खिलाफ मामला दर्ज किया था.  प्रमुख ब्रूनो स्पाग्नोलिनी और कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल जेम्स सहित अन्य लोगों का नाम  इसमें आया था. [wpse_comments_template]

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