New Delhi : विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (INDIA) के कुछ घटक दलों ने गुरुवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस दिन जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों का मुकाबला करते हुए सेना और पुलिस के तीन अधिकारी शहीद हो गये थे उसी दिन प्रधानमंत्री मोदी के सत्तारूढ़ पार्टी के मुख्यालय पहुंचने पर जश्न का आयोजन क्यों किया गया? नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
जब आज पूरा देश गमगीन है, शहीदों के परिवार की चीखें सबका कलेजा चीर रही हैं।
तब इस देश के असंवेदनशील प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश में प्रचार में मस्त हैं और वोट मांग रहे हैं।
आप खुद ही देख लीजिए, ये हैं प्रधानमंत्री 👇🏽 pic.twitter.com/xWBEXczYVM
— Congress (@INCIndia) September 14, 2023
संवेदनहीन प्रधानमंत्री pic.twitter.com/0Hflztj63K
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जश्न को एक-दो दिन टाला जा सकता था
उन्होंने यह भी कहा कि इस जश्न को एक-दो दिन टाला भी जा सकता था. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार शाम भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में हिस्सा लेने पार्टी मुख्यालय पहुंचे थे. यहां उनका जोरदार स्वागत किया गया. पिछले सप्ताहांत यहां भारत की अध्यक्षता में जी20 शिखर सम्मेलन के आयोजन के बाद मोदी का पार्टी मुख्यालय का यह पहला दौरा था. भाजपा मुख्यालय पहुंचने पर वहां बड़ी संख्या में मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री पर फूलों की वर्षा की और मोदी-मोदी के नारे लगाये.
भाजपा मुख्यालय में बादशाह के लिए जश्न की महफिल सजी थी
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने एक्स पर पोस्ट किया, जिस समय सीमा पर हमारी सेना के तीन अधिकारियों के शहीद होने की दुखद खबरें आ रही थीं उसी समय भाजपा मुख्यालय में बादशाह के लिए जश्न की महफिल सजी थी. चाहे कुछ भी हो जाये, प्रधानमंत्री अपनी वाहवाही को टाल नहीं सकते. राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता मनोज झा ने कहा, ‘कल जब हमारे जवानों की शहादत हो रही थी, तो हमने देखा कि भाजपा मुख्यालय में जश्न मनाया जा रहा था, लाल गुलाब का जश्न था. ़
इन छवियों के साथ यह देश सांस नहीं ले पायेगा
मनोज झा ने कहा, हम सभी ने वो दृश्य देखे. एक दिन इंतजार कर लेते, दो दिन इंतजार कर लेते. उनका कहना था, मेरे देश के प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी जश्न मना रहे थे, जबकि 29 दिन का बच्चा अपने पिता को खो चुका था. इन छवियों के साथ यह देश सांस नहीं ले पायेगा. शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, इसे (जश्न) टाला जा सकता था. अधिक संवेदनशीलता की उम्मीद की जा सकती थी, खासकर उस दिन जब हमारे सुरक्षा बलों ने कश्मीर में आतंकवादियों के साथ भीषण लड़ाई लड़ी.
मुठभेड़ में सेना के एक कर्नल सहित तीन अधिकारी शहीद
हमारे तीन बहादुर लोग पहले ही देश के लिए अपनी जान दे चुके हैं, जबकि कई लोगों के घायल होने की खबर है.जम्मू कश्मीर में अनंतनाग जिले के कोकरनाग इलाके में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के एक कर्नल सहित तीन अधिकारी शहीद हो गये. अधिकारियों ने बताया कि कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष, जम्मू कश्मीर पुलिस के उपाधीक्षक हुमायूं भट गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल हो गये और बाद में उनकी मृत्यु हो गयी.