सूचकांक में भारत में बच्चों की कमजोरी की दर दुनिया में सबसे अधिक 18.7 प्रतिशत
New Delhi : भारत को Global Hunger Index, 2023 में 125 देशों में 111वें स्थान पर रखे जाने को केंद्र की मोदी सरकार ने सिरे से नकार दिया है. बता दें कि दुनिया में भुखमरी को लेकर नयी रिपोर्ट (Global Hunger Index, 2023) जारी की गयी है, जिसमें भारत को 111वां स्थान दिया गया है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने ग्लोबल हंगर इंडेक्स को खारिज कर दिया है.
">https://lagatar.in/category/desh-videsh/"> नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें बता दें कि Hunger Index में पड़ोसी देशों में पाकिस्तान (102वें), बांग्लादेश (81वें), नेपाल (69वें) और श्रीलंका (60वें) स्थान पर है.
सूचकांक दुर्भावनापूर्ण इरादा दर्शा रहा है
मोदी सरकार ने आरोप लगाते हुए कहा कि सूचकांक गंभीर कार्यप्रणाली संबंधी मुद्दों से ग्रसित है. सूचकांक दुर्भावनापूर्ण इरादे को दर्शा रहा है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा कि यह सूचकांक भूख का एक गलत मापदंड है. कहा कि सूचकांक की गणना के लिए प्रयोग में लाये गये चार संकेतकों में से तीन बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित हैं. यह पूरी आबादी का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते. मंत्रालय के अनुसार चौथा और सर्वाधिक महत्वपूर्ण संकेतक अल्पपोषित (पीओयू) जनसंख्या का अनुपात 3,000 के बहुत छोटे नमूने आकार पर किये गये जनमत सर्वेक्षण पर आधारित है.
सूचकांक में भारत का स्कोर 28.7 है, जो भुखमरी का गंभीर स्तर है
इस सूचकांक में भारत का स्कोर 28.7 है, जो भुखमरी का गंभीर स्तर है. इंडेक्स के अनुसार भारत में अल्पपोषण की दर 16.6 प्रतिशत और पांच साल से कम उम्र की मृत्यु दर 3.1 प्रतिशत है. 15 से 24 वर्ष की आयु की महिलाओं में एनीमिया की व्यापकता 58.1 प्रतिशत है. सूचकांक में भारत में बच्चों की कमजोरी की दर दुनिया में सबसे अधिक 18.7 प्रतिशत है. [wpse_comments_template]
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