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अफगान शांति रोडमैप तय करने वालों में पहली बार भारत होगा शामिल

Lagatar Desk  : भारत को अफगान के शांति रोडमैप तैयार करने वाले छह देशों में शामिल होने का पहली बार अवसर मिला है. भारत, अमेरिका, रूस, चीन, पाकिस्तान ओर ईरान के साथ मिल कर अफगानिस्तान में शांति का रोडमैप तैयार करेंगे. भारत पिछले छह सालों से इस प्रक्रिया का हिस्सा बनने का प्रयास कर रहा था. अमेरिका ने भारत को शामिल करने वाला मेकनिज्म बनाने में भूमिका निभायी. रूस पे पहले जो प्रस्ताव तैयार किया था. उसमें भारत को जगह नहीं दी गयी थी. इंडियन एक्सप्रेस में  एक छपी खबर में अनुसार भारत का नाम रूस के ना चाहने के बावजूद भी शामिल किया गया है. पाकिस्तान भी भारत को शामिल किए जाने के खिलाफ है. रूस और चीन की गहराती दोस्ती के बाद अमेरिका ने भारत को शामिल करने के अपने प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया. इसे भी पढ़ें - रांची">https://lagatar.in/robbed-of-one-and-a-half-lakh-rupees-from-elderly/35493/">रांची

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भारत को शामिल नहीं किया जाता रहा है

डोनाल्ड ट्रंप के समय अफगान शांति वार्ता में भारत को शामिल नहीं किया जाता रहा है. भारत के अनेक हित अफगानिस्तान से जुड़े हैं. अफगानिस्तान के पुननिर्माण में भी भारत की भूमिका है. अफगानिस्तान के दो तिहायी हिस्से तालिबान के नियंत्रण में हैं और राष्ट्रपति गनी का नियंत्रन केवल काबुल और आसपास ही माना जाता रहा है. अफगानिस्तान में नाटो सैनिकों के उपस्थिति के बावजूद तालिबान के प्रभाव को कम नहीं किया जा सकता है. इसे भी पढ़ें -‘ईट">https://lagatar.in/registration-and-license-camp-for-food-traders-set-up-under-eat-right-india/35471/">‘ईट

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भारत चाबहार परियोजना को लेकर उत्साही है

इंडियन एक्सप्रेस  से बात करते हुए एक भारतीय अधिकारी ने बताया कि भारत के अपने हित हैं. खास कर चाबहार परियोजना में ईरान ओर अफगानिस्तान दोनों की भूमिका है. भारत चाबहार परियोजना को लेकर उत्साही है. टोलो न्यूज़ में छपी एक खबर के अनुसार अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने पिछले सप्ताह अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी और हाई काउंसिल फोर नेशनल रिकंसिलिएशन के अध्यक्ष अब्दुल्ला अब्दुल्ला को एक चिट्ठी भेजी थी. जिसमें संयुक्त राष्ट्र के संरक्षण में एक रिजनल कॉन्फ्रेंस के गठन का प्रस्ताव दिया गया था. इसके अंतर्गत अमेरिका, भारत, रूस, चीन, पाकिस्तान और ईरान के विदेश मंत्री एक साथ मिलकर अफ़गानिस्तान में बेहतरी लाने की कोशिश करेंगे. इसे भी पढ़ें -रांची">https://lagatar.in/cbi-raids-at-ranchi-womens-college-notice-of-teacher-being-detained/35464/">रांची

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भारत के विदेशमंत्री जयशंकर प्रसाद शामिल हो सकते है 

अमेरिकी  विदेश मंत्री ब्लिंकन ने अपने पत्र  में आने दिनों  में तुर्की में वरिष्ठ अफ़ग़ानिस्तानी नेताओं और तालिबान के बीच बातचीत के लिए बैठक बुलाई है. ताकि `90 दिनों के हिंसा कम` वाले योजना पर बातचीत की जा सके. भारत की ओर से विदेशमंत्री जयशंकर के शामिल होने की संभावना है. इसे भी पढ़ें -पंजाब">https://lagatar.in/punjab-public-service-commission-recruitment-for-the-post-of-junior-engineer-see-update/35462/">पंजाब

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