आंकड़े कहते हैं कि 2023-24 के दौरान बैंकों ने 1.70 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ किये, जो 2022-23 के 2.16 लाख करोड़ से कम है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अनुसार ये राइट ऑफ नियमों के तहत किये गये हैं. कहा कि अगर कोई कर्ज चार साल तक नहीं चुकाया जाता है, तो उसे पूरी तरह से प्रोविजन करना पड़ता है. इससे बैंकों की बैलेंस शीट साफ होती है और उनकी वित्तीय स्थिति मजबूत होती है.दो भारत pic.twitter.com/IAhUq3in61
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— Congress (@INCIndia) March">https://twitter.com/INCIndia/status/1901916346901774473?ref_src=twsrc%5Etfw">March
18, 2025
भारतीय बैंकों ने दस साल में 16.35 लाख करोड़ का कर्ज राइट ऑफ किया, पर डिफॉल्टरों को नहीं मिलेगी राहत...

2023-24 के दौरान बैंकों ने 1.70 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ किये, जो 2022-23 के 2.16 लाख करोड़ से कम है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अनुसार ये राइट ऑफ नियमों के तहत किये गये हैं. NewDelhi : भारतीय बैंकों ने पिछले दस सालों में 16.35 लाख करोड़ रुपये की कर्ज राइट ऑफ किया है. संसद में पेश ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2018-19 में सबसे ज्यादा 2.36 लाख करोड़ रुपये के कर्ज राइट ऑफ हुए हैं. 2014-15 में सबसे कम 58,786 करोड़ रुपये के NPA(गैर निष्पादित परिसंपत्ति) बट्टे खाते में डाले गये थे.
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