New Delhi : इंडियन इकोनॉमी के लिए खुशखबरी और राहत भरी खबर है. भारतीय अर्थव्यवस्था की गाड़ी फिर पटरी पर लौटी है. कोरोना काल में पहली बार सकल घरेलू उत्पाद- GDP में भारी उछाल आयी है. वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में जीडीपी के शानदार आंकड़े आये हैं. बता दें कि GDP किसी भी देश की आर्थिक सेहत को मापने का सबसे सटीक पैमाना है. सरकार ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के जीडीपी नतीजे जारी किये हैं. पहली तिमाही में GDP की ग्रोथ रेट रिकॉर्ड 20.1 फीसदी रही है. जबकि पिछले साल समान तिमाही में निगेटिव 23.9 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट रही थी. इसे भी पढ़ें-
कैप्टन">https://lagatar.in/captain-reversed-rahul-statement-told-central-government-jallianwala-bagh-renovation-very-good/">कैप्टन
ने राहुल के उलट दिया बयान, जालियांवाला बाग रेनोवेशन पर केंद्र सरकार को कहा- ‘बहुत बढ़िया’ RBI ने भी दिये थे संकेत
कोरोना संकट की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था को तगड़ा लगा. वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गयी थी. उसके बाद दूसरी तिमाही में जीडीपी में 7.5 फीसदी की गिरावट आई. जबकि तीसरी तिमाही में 0.4% जीडीपी रही. जबकि चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में जीडीपी ग्रोथ रेट 1.6 फीसदी दर्ज की गई. इस तरह से वित्त वर्ष 2020-21 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट -7.3% फीसदी रही. एसबीआई की इकोरैप रिसर्च रिपोर्ट में भी पहले अनुमान लगाया गया था कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश की जीडीपी 18.5 फीसदी की दर से बढ़ सकती है. वहीं RBI ने अप्रैल-जून 2021 तिमाही के लिए 21.4 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगाया था. जीडीपी में तेज रिकवरी से इकोनॉमी की गाड़ी पटरी पर लौटने के संकेत मिल रहे हैं. इसे भी पढ़ें-
भारतीय">https://lagatar.in/indian-ambassador-deepak-mittal-meets-taliban-leader-sm-abbas/">भारतीय
राजदूत दीपक मित्तल ने की तालिबानी नेता एसएम अब्बास से मुलाकात जानें GDP के बारे में
किसी देश की सीमा में एक निर्धारित समय के भीतर तैयार सभी वस्तुओं और सेवाओं के कुल मौद्रिक या बाजार मूल्य को सकल घरेलू उत्पाद -GDP कहते हैं. यह किसी देश के घरेलू उत्पादन का व्यापक मापक होता है और इससे किसी देश की अर्थव्यवस्था की सेहत कैसी है, इसका पता चलता है. इसकी गणना आमतौर पर सालाना होती है, लेकिन भारत में इसे हर तीन महीने यानी तिमाही भी मापा जाता है. कुछ साल पहले इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंकिंग और कंप्यूटर जैसी अलग-अलग सेवाओं यानी सर्विस सेक्टर को भी जोड़ दिया गया. [wpse_comments_template]
Leave a Comment