New Delhi : सुप्रीम कोर्ट ने आज यमन में हत्या के एक मामले में मौत की सजा पानेवाली भारतीय नागरिक निमिषा प्रिया से संबंधित याचिका पर सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट में निमिषा को राजनयिक बातचीत के ज़रिए बचाने और हस्तक्षेप करने के लिए भारत सरकार को निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की गयी.
The Supreme Court hears a plea seeking directions to the Indian government to intervene and save Nimisha Priya, an Indian national facing the death penalty in a murder case in Yemen, through diplomatic negotiations.
— ANI (@ANI) July 14, 2025
Counsel for Priya informed the Court that the only remaining… pic.twitter.com/oRicFNHMIs
निमिषा प्रिया के वकील ने SC को बताया कि उसे बचाने का एकमात्र विकल्प रक्तदान समझौता है. शर्त यह है कि मृतक का परिवार इसे स्वीकार करने को तैयार हो.
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ के समक्ष भारत सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने पक्ष रखा. उन्होंने कोर्ट में कहा कि यमन की संवेदनशीलता को देखते हुए, सरकार कुछ खास नहीं कर सकती. उन्होंने कहा कि भारत सरकार एक हद तक जा सकती है.
भारत के अटॉर्नी जनरल (एजीआई) ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि भारत सरकार प्रिया की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने अदालत को जानकारी दी कि बताया कि प्रिया के मामले को देख रहे सरकारी वकील सहित यमन के अधिकारियों के साथ फांसी के आदेश को निलंबित करने के लिए बातचीत चल रही है.
मामला यह है कि प्रिया को 2017 में एक यमनी नागरिक की हत्या के लिए मौत की सजा दी गयी है. निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को फांसी दी जा सकती है. खबरों के अनुसार यमनी नागरिक ने उसे प्रताड़ित किया और उसके साथ मारपीट की.
अपना पासपोर्ट उसके कब्जे से वापस पाने के लिए निमिषा ने कथित तौर पर उस यमनी व्यक्ति को बेहोश करने की कोशिश की, लेकिन ज़्यादा मात्रा में दवा लेने से उसकी मौत हो गयी.