- क्या डीजीसीए को नहीं पता था कि इंडियो एयरलाइंस कंपनी के पास पर्याप्त पायलट व क्रू मेंबर नहीं है.
- आखिर कौन तय करेगा, एयरलाइंस कंपनी के पास विमान के हिसाब से कितने पायलट व क्रू मेंबर होने चाहिए?
- यह सब हुआ है इंडिगो मैनेजमेंट, डीजीसीए और केंद्र की एविएशन मिनिस्ट्री की ज्वाइंट फेल्योर के कारण.
पिछले तीन दिनों से देश के प्रमुख एयरपोर्ट्स पर क्या चल रहा है. देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस कंपनी इंडिगो ने अपने फ्लाइट्स रोक दिये. सिर्फ दिल्ली से 600 उड़ानों को रद्द कर दिया गया. एयपोर्ट्स पर पार्किंग की जगह नहीं बची, दूसरी एयरलाइंस कंपनियों के विमान भी रद्द करने पड़े. एयरपोर्ट्स पर बस स्टैंड जैसे हालात रहे. हजारों लोग परेशान हुए. किसी की शादी छूटी, किसी का इलाज, किसी की परीक्षा और किसी के दूसरे जरूरी काम. लोग छटपटा कर रह गये. सरकार को अपने आदेश वापस लेने पड़े. अब भी एयरपोर्ट्स पर हालात नहीं सुधरे हैं. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ.
सवाल यह उठता है कि क्या डीजीसीए को नहीं पता था कि इंडियो एयलाइंस कंपनी के पास पर्याप्त पायलट नहीं है. क्या इंडियो मैनेजमेंट ने डीजीसीए को इस बारे में जानकारी नहीं दी? जानकारी छिपायी? या सब जानते हुए डीजीसीए चुप रहा? क्योंकि जानकारी नहीं होने की बात गले नहीं उतरी. इसी साल अक्टूबर में डीजीसीए ने पर्याप्त पायलट ट्रेनिंग नहीं होने की वजह से इंडिगो पर जुर्माना लगाया था. इससे क्या समझ बनती है. सब जानते हुए डीजीसीए चुप रहा.
इंडिगो, देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस कंपनी, जिसके पास सबसे अधिक हवाई जहाज है, जो यात्रियों के हर किलो वजन तक का हिसाब रखती है. क्या उसे इस बात का अंदाजा नहीं था कि उसके पास पर्याप्त पायलट नहीं है. क्या वह नहीं जानता था कि नये नियमों के तहत पायलट के ड्यूटी शिडयूल लाने पर क्या होगा? क्या डीजीसीए नहीं जानता कि उसने कितने पायलट को लाइसेंस दिये हैं? आखिर वो कौन सी संस्था है, जो यह तय करेगी कि एयरलाइंस कंपनी के पास विमान के हिसाब से कितने पायलट और क्रू मेंबर होने चाहिए?
सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब एविएशन मिनिस्ट्री, डीजीसीए और इंडिगो सभी को पता है कि कितने पायलट और क्रू मेंबर हैं, तो फिर नये नियम क्यों लागू किये गये. हजारों लोगों को क्यों अफरा-तफरा के माहौल में झोंक दिया गया? क्यों जानबूझ कर यात्रियों को परेशान किया गया. क्यों जलालत भरे वातावरण में लोगों को रहने के लिए मजबूर किया गया?
दरअसल, यह सब किसी अचानक आयी आपदा-विपदा की वजह से नहीं हुआ. यह सब इंडिगो मैनेजमेंट, डीजीसीए और केंद्र की एविएशन मिनिस्ट्री की ज्वाइंट फैल्योर के कारण हुआ है. ये सब मिलकर देश और यात्रियों को बेवकूफ और मूर्ख बनाने में लगे हैं. मूर्ख बनाने के लिए जांच के आदेश दिये गये हैं. जांच कौन करेगा? डीजीसीए. जबकि वह खुद और एविएशन मिनिस्ट्री इस खौफनाक संकट के लिए इंडिगो जितना ही जिम्मेदार है.
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