Ranchi : भाकपा माले ने मोदी सरकार के आम बजट को निराशाजनक बताते हुए कहा है कि यह बजट गरीब और किसान हित में नहीं है. भाकपा माले के राज्य सचिव मनोज भक्त ने कहा कि बजट-2022 में रोजगार के सवाल पर सरकार की कोई चिंता नहीं झलक रही है. बजट अंधाधुंध निजीकरण को बढ़ावा देने वाला है. डिजिटल की चकाचौंध की आड़ में रोजगार के बंद दरवाजे को खोलने के लिए आवश्यक निर्माण क्षेत्र से लेकर मनरेगा तक में पर्याप्त निवेश की उपेक्षा कर दी गयी है. बजट में एमएसपी के नाम पर नगण्य राशि दी गयी है और किसानों के साथ मोदी सरकार ने विश्वासघात किया है. कोरोना महामारी और मोदी सरकार की गलत नीतियों की वजह से आम लोगों की आय नकारात्मक दिशा में मुड़ चुकी है. इसे सही दिशा की ओर मोड़ने के लिए मानव संसाधन विकास पर खर्च में गुणात्मक इजाफे की जरूरत है. सरकार ने इससे मुंह मोड़ लिया है. भाकपा-माले ने कहा है कि सरकार ने कॉरपोरेट सरचार्ज को 12% से घटा कर 7% कर अपनी दिशा स्पष्ट कर दी है. बजट अमीर-गरीब की खाई को और बढ़ायेगा. इसे भी पढ़ें- उपलब्धि">https://lagatar.in/achievement-in-the-financial-year-2021-22-90-percent-tax-collection-of-the-target-has-been-accomplished-commercial-tax-department/">उपलब्धि
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अंधाधुंध निजीकरण और बेरोजगारी बढ़ाने वाला बजट : मनोज भक्त

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