- ट्राइबल इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
आदिवासी समुदाय को उद्योग-व्यापार में आने से रोकने का प्रयास
मांडी ने कहा कि नई एमएसएमई नीति का ड्राफ्ट भी चुनिंदा चेंबरो को भेजा गया है. जब राज्य में एमएसएमई पॉलिसी बनाई जा रही है, तो माइक्रो के लिए इनको अलग से पॉलिसी बनानी चाहिए थी. एमएसएमई की नई परिभाषा से माइक्रो उद्यम को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. विभाग द्वारा पूरे सिस्टम को हाई-फाई तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है. राज्य में कई ऐसे चेंबर हैं जो बेहतर सुझाव दे सकते हैं. परंतु वर्तमान उद्योग सचिव अन्य चेंबरों को उपेक्षित कर पक्षपात कर रहे हैं. आदिवासी राज्य में आदिवासियों की उपेक्षा करने वाले उद्योग सचिव को हटाया जाना चाहिए.सरकार के पास कोई योजना नहीं
पूर्व की सरकार द्वारा आदिवासियों को उद्योग लगाने के लिए आधी कीमत में जमीन देने का प्रस्ताव पारित होने के बावजूद कोई काम नहीं हुआ है. 10 किस्तों में भुगतान का प्रावधान को भी हटा दिया गया है, ताकि आदिवासी समुदाय को उद्योग व्यापार में आने से रोका जा सके. राज्य में आदिवासी उद्यमिता के लिए सरकार के पास कोई योजना नहीं है. इसे भी पढ़ें – मुंगेरीलाल">https://lagatar.in/cm-has-gone-to-bengaluru-to-see-beautiful-dreams-of-mungerilal-sanjay-seth/">मुंगेरीलालके हसीन सपने देखने बेंगलुरु गए हैं सीएम : संजय सेठ [wpse_comments_template]
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