शेयर बायबैक का काम हो गया पूरा
कंपनी ने सोमवार यानी 6 सितंबर को शेयर बायबैक प्रोग्राम को लेकर अपना बयान दिया. कंपनी ने कहा कि शेयर बायबैक का काम लगभग पूरा हो गया है. आईटी कंपनी अब इस योजना को बंद करने पर विचार कर रही है. 8 सितंबर को शेयर बायबैक कमेटी की बैठक होगी, जिसमें ऑफर पर विचार किया जायेगा. इसमें शेयर बायबैक प्रोग्राम को बंद करना भी शामिल है. इसे भी पढ़े : विधानसभा">https://lagatar.in/monsoon-session-of-the-assembly-mla-narayan-das-reached-the-house-wearing-a-garland-of-damru-and-belpatra-read-hanuman-chalisa-at-the-main-gate/">विधानसभाका मानसून सत्र : विधायक नारायण दास हाथ में डमरू और बेलपत्र की माला पहन पहुंचे सदन, मुख्य द्वार पर पढ़ा हनुमान चालीसा
24 दिसंबर को होगी शेयर बायबैक की अंतिम तिथि
शेयर बायबैक की अंतिम तिथि बायबैक शुरू होने की तिथि से छह महीने होती है या फिर कंपनी अधिकतम बायबैक के साइज के बारबर राशि का बायबैक कर लेती है. जो भी पहले हो. इंफोसिस के शेयर बायबैक की अंतिम तिथि 24 दिसंबर 2021 होगी.अप्रैल में मिली थी बायबैक को मंजूरी
इंफोसिस के बोर्ड ऑफ डॉयरेक्टर ने अप्रैल में शेयर होल्डर्स से 15,600 करोड़ की पूंजी वापसी की सिफारिश की थी. इसमें 6,400 करोड़ रुपये का फाइनल डिविडेंड शामिल थी. बाकी का 9,200 करोड़ ओपन मार्केट से शेयरों की वापस खरीदारी थी.
इसे भी पढ़े :शेयर">https://lagatar.in/the-start-of-the-stock-market-with-a-strongsensex-up-123-points-asian-paints-top-gainer/">शेयरबाजार की शुरुआत मजबूती के साथ, सेंसेक्स में 123 अंकों की तेजी, एशियन पेंट्स टॉप गेनर
क्या है शेयर बायबैक
जब किसी भी कंपनी के पास बहुत ज्यादा नकद राशि उपलब्ध होती है, तब कंपनी अपने निवेशकों को उनके निवेश का अधिक मूल्य देने के लिए शेयर बायबैक का ऑप्शन चुनती है. इसके तहत कंपनी एक निश्चित कीमत पर बाजार से अपने शेयरों को निवेशकों से वापस खरीदती है. इसे ही शेयर बायबैक कहा जाता है.कंपनियां दो तरीके से करती है शेयर बायबैक
आपको बता दें कि कंपनियां दो तरीके से शेयर बायबैक करती है. पहला टेंडर ऑफर और दूसरा ओपन मार्केट है. कंपनियां हमेशा मौजूदा शेयर प्राइस से अधिक में शेयर को बायबैक करती है. जिससे शेयर होल्डर्स को फायदा होता है. इसे भी पढ़े :सेबी">https://lagatar.in/sebi-action-85-companies-including-sunrise-asian-will-not-be-able-to-trade-in-capital-market/">सेबीकी कार्रवाई, सनराइज एशियन समेत 85 कंपनियां कैपिटल मार्केट में नहीं कर सकेगी कारोबार
शेयर बायबैक से कैश और शेयर प्राइस होता है कंट्रोल
शेयर बायबैक से शेयरों पर अर्निंग पर शेयर (ईपीएस) और प्राइस टू अर्निंग (पीई) बढ़ता है. इससे कंपनी की संपत्ति पर मिलने वाला रिटर्न भी बढ़ता है. कंपनी के बैलेंस शीट में ज्यादा कैश होना सही नहीं माना जाता है. इसलिए कंपनी बायबैक करके कैश या नकदी कम करती है. कंपनियां शेयरों की कीमतों को बढ़ाने के लिए भी बायबैक करती है. इसे भी पढ़े : Birthday">https://lagatar.in/birthday-special-radhika-apte-who-was-in-controversy-by-giving-bold-scenes-in-films-started-her-career-with-a-small-role/">BirthdaySpecial : फिल्मों में बोल्ड सीन देकर विवादों में रही राधिका आप्टे, छोटे से रोल से की थी करियर की शुरुआत [wpse_comments_template]
Leave a Comment