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अमानवीय हरकत ने चिकित्सा पेशे की गरिमा को कलंकित किया : बाबूलाल

Ranchi :  नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल ने चिकित्सा पेशा पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि रांची के एक निजी अस्पताल में मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक नवजात शिशु की मृत्यु के बाद भी उसे चार दिनों तक वेंटिलेटर पर रखकर परिजनों से पैसे वसूले गए.

 

बाबूलाल ने आगे लिखा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह पुष्टि हो चुकी है कि बच्चे की मौत पहले ही हो चुकी थी, बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों ने परिजनों को अंधेरे में रखकर इलाज के नाम पर मोटी रकम की उगाही की.

 

 

इस अमानवीय हरकत ने न केवल चिकित्सा पेशे की गरिमा को कलंकित किया है, बल्कि एक दुखी परिवार की भावनाओं के साथ भी क्रूर मजाक किया है. डॉक्टरों ने झूठ बोलकर बच्चे को वेंटिलेटर पर जिंदा बताया और मृत शरीर के लिए लाखों रुपये का बिल थमा दिया. उन्होंने रांची डीसी से तत्काल अस्पताल प्रबंधन और आरोपी डॉक्टरों पर सख्त कारवाई करने को कहा है.

 

मामला प्रकाश में आने के बाद रांची डीसी ने लिया संज्ञान

बता दें कि रांची जिला प्रशासन ने शुक्रवार को ही मामला प्रकाश में आने के बाद संज्ञान लिया है. रांची डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं. डीसी के निर्देश पर एक विशेष जांच समिति का गठन किया गया है, जिसमें कार्यपालक दंडाधिकारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी और विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम को शामिल किया गया है. 

 

भजंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि अगर जांच में अस्पताल प्रबंधन या किसी संबंधित व्यक्ति की लापरवाही अथवा दोष सिद्ध होती है, तो उसके  खिलाफ कानूनी प्रावधानों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी. जिला प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि मामले की पूरी पारदर्शिता से जांच की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. 

 

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