Ranchi : राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में गंभीर है. हेमंत सरकार की प्राथमिकता हमेशा से जरूरतमंद ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया कराना रही है. इसी उद्देश्य से झारखंड राज्य ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषद की महत्वपूर्ण बैठक 3 दिसंबर को आयोजित की गई है.
बैठक में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री, जल संसाधन मंत्री, कृषि-पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री सहित कई विभागों के प्रधान सचिवों को आमंत्रित किया गया है. इसके अलावा सभी प्रमंडलीय आयुक्त भी बैठक में शामिल होकर ग्रामीण रोजगार बढ़ाने के लिए ठोस खाका पेश करेंगे. बैठक की अध्यक्षता ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडे सिंह करेंगी.
बैठक में क्या होगा?
मनरेगा योजनाओं की विस्तृत समीक्षा
- मनरेगा की प्रगति, क्रियान्वयन और प्रदर्शन की समीक्षा
- मजदूरी का 100% भुगतान समय पर सुनिश्चित करने पर जोर
- बैंक खातों के माध्यम से भुगतान और देरी होने पर क्षतिपूर्ति पर चर्चा
- सामाजिक अंकेक्षण और पारदर्शिता बढ़ाने के उपायों पर विचार
प्रमुख प्रस्ताव जिन पर होगी चर्चा
- पिछली बैठक के निर्णयों की समीक्षा और ATR
- भौतिक एवं वित्तीय उपलब्धियों की प्रस्तुति
- परिषद कार्यालय की प्रगति रिपोर्ट
- मनरेगा में लोकपाल की नियुक्ति एवं वर्तमान स्थिति
- मनरेगा कर्मियों की नियमावली में संशोधन
- JSLPS मॉडल पर सामाजिक सुरक्षा देने का प्रस्ताव
- विभिन्न सेवा वर्गों में सुधार पर विचार
- आउटसोर्सिंग कर्मियों को संविदा में बदलने का प्रस्ताव
- सेवा अवधि 65 वर्ष तक बढ़ाने का प्रस्ताव
- मनरेगा आयुक्त की जगह प्रभारी नियुक्ति
- BPO नियुक्ति नियम में संशोधन
- प्रति 20 पंचायत पर एक BPO नियम में संशोधन
- क्षेत्रीय स्तर पर आवेदन प्रक्रिया में ढील देने पर मंथन
- अन्य मुद्दे में अध्यक्ष की अनुमति से अतिरिक्त विषयों पर भी चर्चा संभव
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