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स्वस्थ होने की जिद ने बना दिया प्रदीप सिंह को जुनूनी

  • लाइलाज शुगर को नॉर्मल नहीं पूरी तरह से ठीक कर लिया, चल नहीं सकनेवाला मोटापा भी कम कर खुद को किया चुस्त-दुरूस्त
  • योगा-व्यायाम से खुद को ठीक किया
  • इसके बाद नि:शुल्क योगा समिति बनाकर हर दिन दो घंटे महिला-पुरूष को दे रहे हैं प्रशिक्षण
Kaushal Anand Ranchi :  आज की भागदौड़ और फॉस्ट फूड और रासायनिक खाद्य भोजन के कारण अधिकांश लोग शुगर, मोटापा, ब्लड प्रेशर, थायरॉयड, यूरिक एसिड आदि बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं. शुगर के बारे में कहा जाता है कि यह घुन लगने वाली बीमारी है. जिसे यह रोग हो गया और नियंत्रण में नहीं रहा, तो वह धीरे-धीरे मौत के करीब पहुंचता जाता है. शुगर रोगी की आहिस्ता-आहिस्ता किडनी खराब होना आम बात हो गयी है. शुगर के बारे में यह भी कहा जाता है कि आज की लाइफ स्टाइल में जिसे यह रोग हो गया, वह उसे भले ही नियंत्रित करके जीवन चलाये, मगर इस रोग को जड़ से ठीक करना पाना बहुत ही मुश्किल है. मगर रांची में शहर में प्रदीप सिंह एक ऐसे इंसान हैं जो 2010 तक तीन बीमारियों से ग्रसित थे. उन्होंने इन तीनों बीमारियों पर ना केवल नियंत्रण पाया, बल्कि उसे जड़ से ठीक करके ही दम लिया. स्वस्थ होने की जिद में इन्हें जुनूनी बना दिया. अपनी बीमारी पर नियंत्रण पाने के बाद उन्होंने ठान लिया कि वह अब इसे ही सोशल सर्विस का जरिया बनायेंगे. इसके बाद उन्होंने 2011 में पहाड़ी मंदिर योगा-व्यायाम समिति बनाई. पहाड़ी मंदिर परिसर में ही उन्होंने एक छोटा से चबूतरा चुना. फिर शुरू हो गये. आहिस्ता-आहिस्ता लोग यहां पहुंचने लगे. आज वो हर दिन सुबह 5.30 बजे से 7.30 बजे तक सौ से अधिक महिलाएं एवं पुरुषों को नि:शुल्क योगा-व्यायाम का प्रशिक्षण दे रहे हैं.

दवा त्याग कर शुगर, बीपी, थॉयरड और मोटापा पर काबू पा लिया

रातू रोड इंद्रपुरी रोड नंबर 6 निवासी प्रदीप सिंह बताते हैं कि 2011 तक वे ब्लड शुगर, अत्याधिक मोटापा, मोटापा भी इतना कि वे चल नहीं पाते थे. उन्हें थायरॉयड की भी शिकायत थी. वे डॉक्टर से भी मिले, दवा खानी शुरू की, मगर दवा से नियंत्रण तो होता था, मगर फिर रूटीन गड़बड़ होने के बाद शुगर बढ़ जाती थी. इसके बाद उन्होंने योगा और व्यायाम का सहारा लिया. खान-पान को नियंत्रित किया. चार से पांच साल के अंदर न केवल शुगर पूरी तरह से ठीक हो गया,  बल्कि मोटापा भी 60 प्रतिशत से अधिक कम हो गया. थॉयराइड भी पूरी तरह से ठीक हो गया. आज हर कुछ उनका नॉर्मल है. इसके बाद उन्होंने तय किया कि वे अब लोगों को नि:शुल्क सेवा देंगे. इसके बाद पहाड़ी मंदिर योगा समिति बनाकर उन्होंने यह काम शुरू कर दिया.

प्रशिक्षण में कैंसर तक के मरीज आ रहे हैं

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alt="" width="600" height="400" /> पहाड़ी मंदिर परिसर में स्थित प्रशिक्षण केंद्र में सुबह 5.30 बजे से 7.30 बजे तक शुगर, ब्लड प्रेशर, कैंसर तक के मरीज पहुंचते हैं. प्रदीप सिंह द्वारा कराये जाने वाले योगा और व्यायाम से सभी को बहुत राहत मिल रही है. अब तक कई लोगों का शुगर, ब्लड प्रेशर और थायराइड आदि बीमारी नियंत्रित हो चुकी है. आहिस्ता-आहिस्ता इनका कारवां बढ़ता जा रहा है. रमेश कुमार जो कैंसर पीड़ित हैं, वह पांच साल से यहां रेगुलर आ रहे हैं. दवा के साथ-साथ योगा उनके लिए फायदेमंद साबित हो रहा है. एक महिला जिनकी गर्दन सीधी की सीधी रहती थी, वे घुमा-फिरा नहीं सकती थी. यहां आने के बाद उन्हें बहुत फायदा हुआ है. अब उनकी गर्दन में मूवमेंट होने लगा. प्रदीप सिंह पेशे से एक मध्यम व्यवसायी हैं. [wpse_comments_template]

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