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रघुवर सरकार ने झारखंड में लागू की थी योजना
झारखंड हाकोर्ट के अधिवक्ता अनूप अग्रवाल के मुताबिक, चतरा जिले के किसानों ने वर्ष 2016 में लगभग 207 करोड़ रूपये और वर्ष 2017 में करीब 176 करोड़ रूपये का फसल बीमा करवाया. दोनों वर्षों में चतरा जिले में फसल की पैदावार अच्छी नहीं हुई. और जब बीमा का प्रीमियम भरने वाले किसानों ने राशि क्लेम की. तो उन्हें सिर्फ आश्वासन मिला. जिसके बाद तंग आकर किसानों ने हाइकोर्ट में 2018 में WP/6801/18 दायर कर अदालत की शरण ले ली. केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गयी इस योजना को तत्कालीन रघुवर सरकार ने झारखंड में लागू किया था. और फसल के बीमा का जिम्मा दो इंशोयरेंस कंपनियों इफ्को टोक्यो जेनरल इंशोयरेंस और ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी को मिला था. लेकिन अब तक किसानों को बीमित राशि का भुगतान नहीं हुआ है. इसे भी पढ़ें - बेरमो:">https://lagatar.in/bermo-konar-river-being-ruined-by-illegal-excavation-stone-smuggling-continues/18555/">बेरमो:अवैध उत्खनन से बर्बाद हो रही कोनार नदी, जारी है पत्थर की तस्करी
साल 2017 में किसानों ने कराया था बीमा
वर्ष 2017 में सिर्फ चतरा जिले के किसानों ने 207 करोड़ रूपये की फसल बीमा करवाया था. जिसका 25 प्रतिशत लगभग 52 करोड़ रूपये किसानों के मुताबिक उन्हें मिलना चाहिए. जबकि वर्ष 2018 में 176 करोड़ रूपये का फसल बीमा करवाने के बाद लगभग 44 करोड़ रूपये का क्लेम किसान कर रहे हैं. लेकिन उन्हें उनकी फसल की क्षतिपूर्ति राशि मिलेगी भी या नहीं, ये अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है. बहरहाल हाइकोर्ट ने इसे महत्वपूर्ण मामला बताते हुए सरकार को शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया है. बता दें कि राज्य के लाखों किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अपनी फसल का बीमा कराया था. लेकिन फसल खराब होने के बाद अब किसान क्षतिपूर्ति राशि के भुगतान की आस लिए बैठे हैं. इसे भी पढ़ें - पढ़ें">https://lagatar.in/read-what-happened-in-the-chat-of-arnab-goswami-and-barc-ceo/18453/">पढ़ेंअर्नब गोस्वामी और BARC सीईओ के चैट में क्या हुई बात, कौन है AS ?