महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में साप्ताहिक योग शिविर एवं कार्यशाला के पांचवे दिन वक्ता ने कहाः संपूर्ण जीवन यात्रा का योग्य पथ है योग एवं आयुर्वेद, योग ही चिकित्सा विज्ञान के रूप में आयुर्वेद है
Lagatar, Gorakhpur : गुरु गोरखनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में रचना शरीर विभाग के अध्यक्ष प्रो. वी. गणेश पाटिल ने कहा है कि योग ही चिकित्सा विज्ञान के रूप में आयुर्वेद है और आयुर्वेद ही अध्यात्म विज्ञान के रूप में योग है. योग और आयुर्वेद में अन्योन्याश्रित संबंध है और दोनों एक दूसरे के मूल में समाहित होकर परस्पर पूरक हैं.
रविवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम में आजादी के अमृत वर्ष महोत्सव के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित साप्ताहिक योग शिविर एवं व्याख्यान कार्यशाला के पांचवें दिन प्रशिक्षार्थियों एवं विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहाः ‘धर्मार्थकाममोक्षाणामारोग्यं मूलमुत्तमम्’ यानी आरोग्यता मुक्ति योग व आयुर्वेद दोनों का ही मूल मंत्र है.
उन्होंने कहा कि योग और आयुर्वेद दोनों मानव जीवन के समान सिद्धान्त पर आधारित हैं और दोनों को अलग रूप में नहीं देखा जा सकता. आयुर्वेद अथर्ववेद का उपवेद है और योग से पूर्णतः अंतरसंबंधित है.
इसे भी पढ़ें : रांची: ओवैसी के एयरपोर्ट पहुंचते ही लगे पाक जिंदाबाद के नारे, मांडर में देव कुमार धान के पक्ष में मांगेंगे वोट
ऋषियों, योगियों के आश्रमों में हुआ योग व आयुर्वेद का अभ्युदय
प्रो. पाटिल ने कहा कि आयुर्वेद मात्र चिकित्सा विज्ञान नहीं, बल्कि संपूर्ण जीवन का विज्ञान और योग का ही एक अंग है. योग और आयुर्वेद मनुष्य की संपूर्ण जीवन यात्रा के योग्य पथ है. योग और आयुर्वेद का अभ्युदय ऋषियों, मुनियों, योगियों के आश्रमों में हुआ. जीवन का उद्देश्य, अंतिम लक्ष्य तक पहुंचने का मार्ग, सुख, शांति व आनंद की प्राप्ति, योग व आयुर्वेद का माध्यम से पूर्णता से प्राप्त किया जा सकता है. दोनों ही ऐसे मार्ग हैं, जहां ऊंच-नीच, जात-पात, मत-मजहब, नारी-पुरुष व अमीरी-गरीबी का विभेद बाधक नहीं है. आयुर्वेद और योग भारत द्वारा पूरी दुनिया को दिया हुआ एक अनमोल उपहार है.
उन्होंने कहा कि योग का नियमित रूप से अभ्यास करने की कला किसी व्यक्ति के मन, शरीर और आत्मा को नियंत्रित करने में मदद करती है और आयुर्वेद हमारी व्याधियों को हानिरहित तरीके से समूल दूर करता है.
व्याख्यान सत्र की अध्यक्षता गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्राचार्या डॉ. डी. अजीथा ने किया. इस अवसर पर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव, शिक्षकगण, विश्वविद्यालय के विद्यार्थी व योग प्रशिक्षार्थी उपस्थित रहे. इसके पूर्व साप्ताहिक शिविर के प्रातः सत्र में योग की विभिन्न मुद्राओं व आसनों का अभ्यास कराया गया.