Ranchi : मेकॉन और सेल के संयुक्त तत्वावधान में इस्पात पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (आइकॉन 24) का आयोजन किया जा रहा है. कार्यक्रम में बारे में जानकारी देने के लिए मंगलवार को मेकॉन प्रधान कार्यालय में एक प्रेस मीट का आयोजन किया गया. जिसमें संजय कुमार वर्मा सीएमडी मेकॉन और एसकेवर्मा, कार्यकारी निदेशक सीईटी सेल ने कार्यक्रम और उद्देश्य के बारे में जानकारी दी. इस दौरान मेकॉन के निदेशकगण और मेकॉन और सेल के वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित थे.
सम्मेलन का उद्घाटन 30 मई को सुबह 10 बजे होगा
एस.के.वर्मा ने जानकारी दी कि भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय के तत्वावधान में मेकॉन लिमिटेड, सेल के साथ मिलकर 30 और 31 मई को इस्पात पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन: पूंजीगत वस्तुओं पर ध्यान (आइकॉन 24) का आयोजन एमटीआई (प्रबंधन प्रशिक्षण संस्थान) श्यामली कॉलोनी में करने जा रहा है सम्मेलन का उद्घाटन 30 मई को सुबह 10 बजे भारत सरकार के सचिव इस्पात मंत्रालय और सचिव भारी उद्योग मंत्रालय के द्वारा किया जायेगा. समारोह के गणमान्य व्यक्ति, अतिरिक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार, इस्पात मंत्रालय, संयुक्त सचिव, इस्पात मंत्रालय, सीएमडी, मेकॉन, अध्यक्ष, सेल, सीएमडी, मॉयल और सीएमडी, एनएमडीसी होंगे. सम्मेलन का उद्देश्य 25 बिलियन अमेरिकी डॉलर की आयात सामग्री को कम करना है
सम्मेलन में निर्माता, लोहा और इस्पात उत्पादक, शिक्षा जगत के प्रतिनिधि, उपकरण आपूर्तिकर्ता, इंजीनियरिंग और परामर्श कंपनियां, प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिभागी और विभिन्न माध्यमिक इस्पात क्षेत्र की कंपनियों के प्रमुख भी उपस्थित रहेंगे. सम्मेलन में मुख्य वक्ताओं, विशेषज्ञ पैनल और इंटरैक्टिव सत्रों का आयोजन किया जायेगा. सम्मेलन में भाग लेने वाले वैश्विक इस्पात बाजार परिदृश्य को आकार देने वाले नवीनतम रुझानों, चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा करेंगे. सम्मेलन का उद्देश्य प्रचलित प्रथाओं के साथ लगभग 25 बिलियन अमेरिकी डॉलर की आयात सामग्री को कम करने के लिए आगे का रास्ता खोजना है. इसके अतिरिक्त, इसका लक्ष्य लगभग 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर की वार्षिक (स्पेयर पार्ट्स) की खरीद को कम करने के तरीके भी खोजना है. जिससे भारत विदेश पर कम आश्रित रहे और आत्मनिर्भर भारत बनने का राह पर अग्रसर हो. पूंजीगत सामान उद्योग, देश की अर्थव्यवस्था के लिए रणनीतिक महत्व का है
कहा कि स्टील किसी भी आधुनिक अर्थव्यवस्था के विकास के लिए महत्वपूर्ण है और इसे मानव सभ्यता की रीढ़ माना जाता है. इसलिए, एक मजबूत और बड़े पूंजीगत सामान उद्योग की प्राथमिकताओं को समर्थन देने की जबरदस्त जिम्मेदारी इस्पात उत्पादक बिरादरी पर है. दूसरी ओर, पूंजीगत सामान उद्योग, देश की अर्थव्यवस्था के लिए रणनीतिक महत्व का है, क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा कार्यक्रमों का समर्थन करते हुए और बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा कर अर्थव्यवस्था में योगदान देता है. वांछित उद्देश्य हासिल करने और प्रौद्योगिकी अवशोषण, विकास, निर्माण पर जोर देने के लिए, सभी योगदान देने वाली एजेंसियों/हितधारकों के बीच एक स्वस्थ और नियमित बातचीत अपरिहार्य है. बताया गया कि सत्रों के अलावा, उपस्थित लोगों के पास नेटवर्किंग, साझेदारी बनाने और नवीन समाधान प्रदर्शित करने के पर्याप्त अवसर होंगे. [wpse_comments_template]
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