Lagatar Desk : भारत समेत दुनियाभर में आज 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है. इस बार योग दिवस की थीम "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग" है. इस खास अवसर पर आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. योग सत्र में मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने भी भाग लिया.
STORY | World going through tensions, Yoga gives direction of peace: PM Modi
— Press Trust of India (@PTI_News) June 21, 2025
READ: https://t.co/hbLCPxVr9Z pic.twitter.com/gL9c1NQjip
आधुनिक समय की आवश्यकता है योग
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में योग को आधुनिक समय की आवश्यकता बताया और इसे तनावग्रस्त विश्व के लिए शांति और संतुलन का माध्यम करार दिया. उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया अनेक प्रकार के तनाव, अशांति और अस्थिरता का सामना कर रही है, और ऐसे समय में योग आशा की एक नई किरण बनकर उभरा है.
!!customEmbedTag!!
Yoga isn't just an exercise. It is a way of life. Wonderful to join this year's Yoga Day celebrations in Visakhapatnam. https://t.co/ReTJ0Ju2sN
— Narendra Modi (@narendramodi) June 21, 2025
!!customEmbedTag!!
संतुलन पाने और संपूर्ण बनने के लिए योग पॉज बटन
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुर्भाग्य से, आज पूरा विश्व किसी न किसी तरह के तनाव से गुजर रहा है. कई क्षेत्रों में अशांति और अस्थिरता बढ़ रही है. ऐसी स्थिति में योग हमें शांति की दिशा देता है. योग वह विराम बटन' है, जिसकी मानवता को सांस लेने, संतुलन बनाने और फिर से संपूर्ण बनने के लिए जरूरत है. उन्होंने योग को अंतरात्मा की शांति से लेकर वैश्विक नीति तक ले जाने वाला एक माध्यम बताया. मोदी ने कहा कि योग केवल शारीरिक व्यायाम तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानवता के लिए प्राचीन अभ्यास की एक नई शुरुआत है. प्रधानमंत्री ने यह भी जोर दिया कि जब दुनिया के सामने संघर्ष, तनाव और मानसिक असंतुलन जैसी चुनौतियां हों, तब योग हमें भीतर से स्थिर और बाहर से सहिष्णु बनने में मदद करता है.
योग के साथ स्वस्थ खानपान भी जरूरी
पीएम मोदी ने न केवल योग के महत्व पर, बल्कि स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया. उन्होंने आहार संबंधी आदतों पर ध्यान दिलाते हुए लोगों से तेल की खपत कम करने और अस्वास्थ्यकर भोजन से बचने की अपील की. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें अपने दैनिक भोजन में तेल की खपत में 10 प्रतिशत की कटौती करने और अस्वास्थ्यकर आहार से दूर रहने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि योग तभी सार्थक होगा जब हम स्वस्थ खानपान, संयमित जीवनशैली और मानसिक शांति को भी जीवन में उतारें.
Me to We की ओर यात्रा
मोदी ने अपने संबोधन में ‘मैं से हम’ की अवधारणा को केंद्र में रखा. उन्होंने कहा कि योग केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य का नहीं, बल्कि समाज और पर्यावरण के प्रति जागरूकता का भी जरिया है. उन्होंने कहा कि योग हमें सिखाता है कि हम प्रकृति से अलग नहीं, बल्कि उसका हिस्सा हैं. जब हम खुद की भलाई से आगे सोचते हैं, तभी समाज और मानवता का सच्चा कल्याण संभव होता है. पीएम ने बताया कि भारत में योग के वैज्ञानिक पक्ष को और मजबूत करने के लिए बड़े स्तर पर मेडिकल रिसर्च हो रही है. उन्होंने कहा कि योग को आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों का पूरक बनाना भारत का लक्ष्य है.