Ramgarh: झारखंड प्रदेश इंटक का एक दिवसीय अधिवेशन और राष्ट्रीय इंटक की कार्यसमिति की बैठक रामगढ़ स्थित जिम खाना क्लब में हुई. अधिवेशन में इंटक के पदाधिकारियों ने श्रमिकों के अधिकार और संगठन की मजबूती सहित भावी रणनीति पर अपने अपने विचार रखे. बैठक में संगठित मजदूरों के साथ-साथ असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की लड़ाई तेज करने का निर्णय लिया गया.
ददई दुबे ने कहा कि सरकारी उपक्रमों के निजीकरण का जो सपना मोदी सरकार देख रही है, वह किसी भी हाल में पूरा नहीं होने दिया जाएगा. कहा कि देश के 26 राज्यों में इंटक का यूनियन मजबूत स्थिति में है. संगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए इंटक हमेशा से संघर्ष करता रहा है. अब असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को भी संगठन से जोड़कर उनके अधिकार के लिए लड़ाई लड़ी जाएगी. असंगठित मजदूरों को भी बराबर का सम्मान और अधिकार दिलाया जायेगा.
प्रदेश इंटक अध्यक्ष प्रदीप बालमुचु ने कहा कि राज्य में रोजगार की समस्या दूर करने का सरकार पूरा प्रयास कर रही है. जल्द ही इसके सार्थक परिणाम देखने को मिलेगें. इस अधिवेशन में राष्ट्रीय इंटक के अध्यक्ष चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे के अलावा राष्ट्रीय महासचिव एनजी अरुण, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष आरएन चौबे, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कालीचरण यादव, झारखंड प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप बालमुचु, राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू और इंटक के राष्ट्रीय संयोजक फुरकान अंसारी सहित कई लोग मौजूद थे.
इसे भी पढ़ें- टाटा मोटर्स के प्लांट हेड बोले- खेलकूद जीवन में नई ऊर्जा प्रदान करती है