New delhi : पाकिस्तान के इलाके में गलती से 9 मार्च को फायर हुई मिसाइल मामले की जांच एक माह से भी कम समय में पूरी कर ली गयी है. भारतीय वायु सेना ने इस मामले में मिसाइल स्क्वाड्रन के एक से अधिक अधिकारियों को दोषी ठहराया है. कहा जा रहा है कि दोषी अधिकारियों को कड़ी सजा दी जाएगी.
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मालूम हो कि 9 मार्च को नियमित रखरखाव और निरीक्षण के दौरान एक ब्रह्मोस मिसाइल गलती से दाग दी गयी थी. यह मिसाइल पाकिस्तान में 124 किलोमीटर अंदर मियां चन्नू इलाके में जाकर गिरी थी. हादसे के बाद भारत ने उच्चस्तरीय कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी के आदेश दिए थे. इस बीच रक्षा मंत्रालय को जांच समिति की रिपोर्ट के बारे में भी जानकारी दे दी गयी है. उम्मीद है कि मंत्रालय अगले कुछ हफ्तों में आगे की कार्रवाई करेगा.
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जानकारी के मुताबिक मामले में दोषी अधिकारियों ने कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी में संबंधित अधिकारियों द्वारा मानक संचालन प्रक्रियाओं का स्पष्ट उल्लंघन भी पाया गया. इसे लेकर सरकार और भारतीय वायु सेना के शीर्ष अधिकारियों का मानना है कि दोषियों को सजा जल्द से जल्द होनी चाहिए. मामले को लंबे समय तक नहीं चलने दिया जाना चाहिए. घटना के बाद पाकिस्तान सहित कई देशों ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की थी. तब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद को आश्वासन दिया था कि मिसाइल प्रणाली बहुत विश्वसनीय और सुरक्षित है.