alt="" width="600" height="400" /> मुठभेड़ में शहीद बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार को सलामी देते IPS ऑफिसर्स [/caption] जेजेएमपी एक उग्रवादी संगठन है. यह संगठन कैसे तैयार हुआ. किसने इसे फंडिंग की. किन-किन अफसरों ने इस संगठन की अवैध वसूली में से हिस्सा लिया. किस-किस अफसर ने इस संगठन के हाथों नक्सलियों के मारे जाने का श्रेय खुद लिया. शाबासी और पुरस्कार हासिल किया. आप तमाम आईपीएस उन सभी को जानते हैं. खासकर "सबका साथ-सबका विकास" की बात करने वाले अपने पूर्व डीजीपी डीके पांडेय को तो भूले भी नहीं होंगे. बकोरिया कांड में श्रेय लेने वाले एसपी को भी नहीं भूले होंगे, जो अब प्रोन्नति पाकर कोयला में लौटने को बेताब हैं. वो गुमला में रह कर जेजेएमपी की मदद करने वाले आईपीएस को भी नहीं भूले होंगे. वो भी अब प्रोन्नति पाकर मौज में हैं. लिस्ट बहुत लंबी है. इस पर बात फिर कभी. [caption id="attachment_161576" align="aligncenter" width="600"]
alt="" width="600" height="400" /> शोक में डूबा शहीद डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार का परिवार [/caption] अब भी समय है. चेत जाइए. अपराध और नक्सलवाद को कुचलने के नाम पर अपराधियों-उग्रवादियों का संगठन बनाना बंद कर दीजिये. उन्हें फंडिंग करना और फिर उनकी वसूली में से हिस्सा लेना बंद कर दीजिये. अपराधियों-उग्रवादियों पर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी आपकी है. और सिर्फ आपकी है. आप इसे काबू में करने के लिये दूसरा संगठन नहीं खड़ा कर सकते. इसकी इजाजत ना तो कानून देता है और ना ही आपका समाज. जब भी आप ऐसा करने का दुस्साहस करेंगे, परिणाम ऐसा ही होगा. फिर किसी राजेश कुमार को शहादत देनी पड़ेगी. अब समय आ गया है. ध्वस्त कर दीजिये ऐसे उग्रवादी-आपराधिक संगठन को. खत्म कर दीजिये ऐसे संगठनों को सहयोग देने वालों से हर रिश्ता. मरेंगे तो दुश्मन के हाथ-उनके हाथ नहीं जिन्हें पाल-पोस करके आपने ही खड़ा किया. यह काम कोई और नहीं कर सकता. सिर्फ आप ही कर सकते हैं. और कोई नहीं. यह एक मौका है, आपके अपने पुराने पापों की प्रायश्चित करने का. इसे हाथ से मत निकलने दीजिये. [wpse_comments_template]
Leave a Comment