“मणिपुर जैसी घटना फिर किसी अन्य राज्य में ना हो इसके लिए आपसी एकजुटता जरूरी” मणिपुर हिंसा के खिलाफ इप्टा की पलामू इकाई ने किया सांस्कृतिक प्रतिरोध Medininagar : मणिपुर में जारी हिंसा और बेटियों के साथ हुए अमानवीय व्यवहार के खिलाफ इप्टा की पलामू इकाई ने सांस्कृतिक प्रतिरोध का आयोजन कचहरी परिसर में किया. इस प्रतिरोध में इप्टा के कलाकारों के साथ छात्र संगठन आईसा, इंकलाबी नौजवान सभा, जन संग्राम मोर्चा, अखिल भारतीय किसान सभा, भाकपा, भाकपा माले, ज्ञान विज्ञान समिति, सहित शहर के बुद्धिजीवी काफी संख्या में शामिल हुए. सांस्कृतिक प्रतिरोध के दौरान शामिल लोग अपने हाथ में पोस्टर लेकर सड़क के किनारे खड़े थे. पोस्टर में मणिपुर की बेटियों के साथ हुए भयावह यौन उत्पीड़न एवं अत्याचार को उकेरा गया था. पोस्टर का निर्माण इप्टा के कलाकारों के साथ अंशु आर्ट के कलाकार पवन विश्वकर्मा एवं मासूम आर्ट ग्रुप के संजीत कुमार ने किया था. प्रतिरोध के दौरान सभी लोगों ने मणिपुर की घटना को शर्मनाक बताया. साथ ही आम आवाम को आगाह करते हुए कहा कि मणिपुर जैसी घटना फिर किसी अन्य राज्य में ना हो इसके लिए आपसी एकजुटता बनाए रखने की जरूरत है. झारखंड इप्टा के महासचिव उपेंद्र कुमार मिश्र ने कहा कि हमारा सांस्कृतिक प्रतिरोध मणिपुर की बेटियों की हिफाजत के लिए है. हम उनके संघर्ष के साथ हैं. साथ ही यह प्रतिरोध नफरत की राजनीति करने वालों के खिलाफ भी है. भविष्य में इस प्रकार की घटना ना हो इसके लिए भी हम सभी मैदान में उतर चुके हैं. अखिल भारतीय किसान सभा के प्रांतीय अध्यक्ष केडी सिंह ने कहा कि पिछले 78 दिनों से मणिपुर जल रहा है. हिंसक घटना के साथ मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ, उससे पूरा देश शर्मसार है. वरिष्ठ अधिवक्ता एवं वरिष्ठ रंगकर्मी नंदलाल सिंह ने कहा कि मणिपुर में महिलाओं के साथ जो घटना हुई, उसकी पीड़ा का बखान शब्दों में नहीं किया जा सकता. लेकिन भविष्य में घटने वाली घटना से लड़ने के लिए तैयार रहना होगा. इंकलाबी नौजवान सभा के अविनाश ने वर्तमान राजनीति पर प्रहार करते हुए कहा कि मणिपुर में जो भी घटनाएं हो रही है, उसके जिम्मेवार देश के प्रधानमंत्री हैं.
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सांस्कृतिक प्रतिरोध के दौरान रंगकर्मी प्रेम प्रकाश ने अहमद दरवेश द्वारा लिखित कविता " डरा हुआ आदमी " की भावात्मक प्रस्तुति की. अपनी कविता के माध्यम से उन्होंने कहा कि किस-किस से डरना होगा/जइफी का बहाना छोड़कर/ एक बार फिर निकलना होगा/अंधेरे से रोशनी का सफर/लाजिम है तय करना होगा. सांस्कृतिक प्रतिरोध का संचालन इप्टा के रंगकर्मी प्रेम प्रकाश एवं जिला सचिव रविशंकर ने संयुक्त रूप से किया. प्रतिरोध कार्यक्रम का समापन सांस्कृतिक मार्च से किया गया. जो कचहरी परिसर से निकलकर कचहरी चौक तक गया. मौके पर वरिष्ठ कलाकार प्रेम प्रकाश भसीन, सुरेश सिंह, रुचिर तिवारी, विनीत सिंह, शिशुपाल सिंह, विजय चौरसिया, गौतम कुमार, मुन्ना साहनी, मो. दानिश, शिव शंकर प्रसाद, समरेश सिंह, अजीत कुमार, संजीव कुमार संजू, भूपेश कुमार शर्मा, भोला, राजीव रंजन, संजीत दुबे, घनश्याम कुमार, शशि पांडे सहित काफी लोग उपस्थित थे.
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