Ranchi: बीजेपी के फायर ब्रांड नेता सह झारखंड बीजेपी के चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने शनिवार को जामताड़ा में चुनावी सभा को संबोधित किया. हिमंता ने कहा कि इरफान अंसारी और आलमगीर आलम का कोई वजूद नहीं है. इरफान अंसारी ने सीता सोरेन के खिलाफ अर्मयादित टिप्पणी की, पर हेमंत सोरेन चुप रहे. कहा कि हमलोग एक रहेंगे तो इरफान अंसारी कभी भी यहां से चुनाव नहीं जीत पाएगा. समाज के बंटने के कारण इरफान अंसारी और आलमगीर आलम जैसे लोग राज करते हैं. हमलोग एक रहेंगे तो किसी मां के लाल में इतनी हिम्मत नहीं है कि रामनवमी का जुलूस रोका जाए. हमें कोई हरा नहीं सकता. इरफान अंसारी को वोट देने से पहले ये सोच लें कि हमारे घर में भी बेटी है.
ये चुनाव है अस्मिता की लड़ाई
हिमंता ने कहा कि जामताड़ा का चुनाव सीता सोरेन और इरफान अंसारी के बीच में नहीं बल्कि ये चुनाव हमारी अस्मिता की लड़ाई है. मैं पेपर में पढ़ा था कि झारखंड में पाकुड़, साहिबगंज, जामताड़ा जैसा कोई इलाका में हमारा जो स्कूल है ये स्कूल शुक्रवार के दिन बंद किए जाते हैं. मैंने पेपर में पढ़ा था कि कैसे संथाल परगनाम में स्कूल शुक्रवार को बंद किया जाता है. क्योंकि उस दिन नमाज पढ़े जाते हैं. मैं पूछना चाहूंगा हमारे भारत का जब संविधान बना तो उसको हिंदू लोगों ने ही बनाया. हमलोग इसको हिंदू राष्ट्र भी बना सकते थे. लेकिन हमारे बुजुर्गों ने सोचा कि यह देश धर्मनिरपेक्ष बनेगा. इसलिए हर रविवार को पूरा देश में स्कूल कॉलेज बंद रहता है. लेकिन हमारे झारखंड में कई जिलों में शुक्रावार को स्कूल बंद किया गया.
मुझे नमाज से आपत्ति नहीं, हनुमान चालिसा के लिए भी व्यवस्था करनी चाहिए
हिमंता ने कहा कि मैंने पढ़ा था कि विधानसभा में नमाज कक्ष बनाया गया. हमारे लोगों ने विरोध किया. हो नहीं पाया लेकिन सरकार ने प्रस्ताव किया था कि झारखंड विधानसभा में नमाज के लिए व्यवस्था किया जाए. मुझे नमाज से आपत्ति नहीं है कि लेकिन फिर हनुमान चालिसा के लिए भी व्यवस्था करनी चाहिए. औरंगजेब का शासन देश में देखा गया है. बाबर का शासन भी देखा गया है. उस समय में भी रामनवमी के जुलूस में किसी ने बाधा नहीं पहुंचाया था. ये इरफान अंसारी और आलमगीर आलम औरंगजेब और बाबर से भी ज्यादा नीचा गिरे हुए हैं.
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