Madhupur: कोरोना चुनाव से डरता है. जहां चुनाव होते हैं, वहां जाने से कतराता है. वरना ऐसा क्यों होता कि जब महामारी की दूसरी लहर ने झारखंड में हाहाकार मचा दिया है, लेकिन मधुपुर में जोश है, भीड़ और रैलियां हैं. क्योंकि यहां उपचुनाव है. शायद कोरोना सिर्फ चुनाव से ही डरता है. यही वजह है कि कोरोना से बचने के लिए राज्य के तमाम नेता मधुपुर में डेरा डाले हुए हैं. यूपीए से मख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनके मंत्रियों रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता, बादल पत्रलेख सहित कई विधायक मधुपुर में कैंप कर रहे हैं. यूपीए प्रत्याशी हफीजुल हसन के पक्ष में वोट मांगने आज बिहार से तेजस्वी यादव भी आयेंगे. उधर एनडीए खेमे से पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और रघुवर दास, प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और सांसद निशिकांत दुबे समेत कई बड़े नेता मधुपुर में पसीना बहा रहे हैं.
नेताजी की सेहत पर कोई असर नहीं
हैरानी की बात है कि 2 सप्ताह से मधुपुर में कैंप कर हजारों लोगों के बीच जाने के बाद भी एनडीए-यूपीए के किसी बड़े नेता की तबीयत नहीं खराब हुई. कोई कोरोना पॉजिटिव नहीं निकला. सुबह से शाम तक ये स्टार प्रचारक नये-नये लोगों के बीच जा रहे हैं. मधुपुर से चुनाव प्रचार की जो तस्वीरें आ रही हैं, उसमें कई नेता कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं करते दिख रहे. कोई बिना मास्क का दिख रहा है, तो कोई भीड़ के बीच खड़ा होकर सोशल डिस्टेंसिंग का मजाक उड़ाता दिख रहा है.
जीतने-हारने से सरकार पर नहीं पड़ेगा कोई फर्क
बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच मधुपुर का उपचुनाव हो रहा है. लोकतंत्र का पर्व है तो जाहिर है नेताओं में उत्साह रहेगा. लेकिन मधुपुर उपचुनाव में नेताओं का उत्साह और भीड़ कम भी होती तो काम चल सकता था. यह उपचुनाव सिर्फ नाक की लड़ाई है. यह सीट किसी के भी खेमे में जाये, सरकार की सेहत पर असर नहीं पड़ने वाला है. चुनाव के बाद अगर यह सीट जेएमएम के पास आती है तो उसके विधायकों की संख्या 29 रहेगी. अगर यह सीट बीजेपी के पास जाती है, तब जेएमएम के पास विधायकों की संख्या 28 रहेगी. दोनों ही सूरतों में सरकार चलाने के लिए उसे कांग्रेस का सहयोग चाहिए ही होगा.
26 सीटें लाकर बीजेपी कैसे बनायेगी सरकार ?
बीजेपी अगर मधुपुर सीट जीतती है तो उसके विधायकों की संख्या 26 हो जाएगी. अगर वह चुनाव हारती है तो भी संख्या 25 रहेगी. झारखंड में सरकार बनाने के लिए विधायकों की संख्या 41 होनी चाहिए. अगर बीजेपी एक सीट जीत भी जाती है तो उसे सरकार बनाने के लिए 15 और विधायकों की जरूरत पड़ेगी. बीजेपी के लिए इस जीत से सरकार की नींव हिलाना मुश्किल है.