दो घटनाएं सुर्खियों में हैं. पहली- नोयडा की एक लड़की ने वेज बिरियानी का ऑनलाइन ऑर्डर किया. वह नवरात्र व्रत पर थी. लेकिन उसे नन वेज बिरियानी की डिलिवरी मिली. रेस्टुरेंट का नाम है- लखनवी कवाब पराठा. लड़की ने शिकायत दर्ज करायी और पुलिस ने रेस्टुरेंट मालिक राहुल राजवंशी को गिरफ्तार कर लिया.

दूसरी घटना – सोशल मीडिया पर दिल्ली का एक वीडियो वायरल है. वीडियो चितरंजन पार्क का है. पास में एक मंदिर है. खुद को सनातनी बताने वाला कह रहा है कि यहां मंदिर के साथ बाजार है, यह होना नहीं चाहिए.
सनातन तो यही कहता है कि हम किसी को काट नहीं सकते. कहने वाली बात है कि देवी को बलि चढ़ता है, वो एक मनगढ़ंत बात है. जो मान रहा है, वह मान रहा है. लेकिन यहां मंदिर के बगल में मछली कट रहा है, इससे भावनाएं आहत होती है,
वीडियो में लोग युवक को समझाने की कोशिश कर रहा है कि इस मंदिर को बाजार के लोगों ने ही बनवाया है. लेकिन युवक यह कहता रहा है कि यहां का बाजार देख करके उसकी भावनाएं आहत हुई हैं.
अब पहली घटना पर गौर करें, लड़की नवरात्र व्रत पर थी और वेज बिरियानी का ऑर्डर किया. लेकिन कहां किया, किसी वेज रेस्टुरेंट में नहीं, बल्कि एक ऐसे रेस्टुरेंट में, जो कि वेज और ननवेज दोनों तरह का भोजन बेचती है. ऐसे में वेज के ऑर्डर पर ननवेज की डिलिवरी एक गलती तो हो सकती है, लेकिन इसे अपराध मानना कितना जायज है.
दूसरी घटना के बारे में जो सूचनाएं हैं, उसके मुताबिक चितरंजन पार्क में मछली की दुकानें करीब छह दशकों से लग रही है. मार्केट वालों ने ही वहां एक मंदिर का निर्माण कराया था. पिछले छह दशकों में जो नहीं हुआ, वह अब हो रहा है. वह यह कि कुछ लोगों की भावनाएं आहत हो रहीं हैं. मार्केट डीडीए से एप्रुव्ड है. तभी वायरल वीडियो में युवक कह रहा है कि डीडीए की भी चूड़ियां कसी जाएंगी.
इन दोनों घटनाओं से यह संदेश साफ मिल रहा है कि ननवेज को लेकर देश में एक नए तरह का माहौल बनाने की शुरुआत हो चुकी है. सवाल यह उठने लगा है कि क्या यह वेज टेररिज्म की शुरुआत है. यानी वेज-ननवेज के नाम पर लोगों को डराने के सिलसिले की शुरुआत हो चुकी है.