Islamabad : पाकिस्तानी फौज वापस जाओ, वापस जाओ…हमें चाहिए आजादी और कश्मीर में कत्लेआम बंद करो…के नारे इन दिनों पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में लग रहे हैं. POK के लोग आजादी की मांग कर रहे हैं. खबर है कि सड़कों पर उतरे लोगों ने संयुक्त राष्ट्र की गाड़ी रोक कर और उसके सामने प्रदर्शन किया. UN की गाड़ी के सामने लोगों ने पाकिस्तानी फौज वापस जाओ, वापस जाओ, हमें चाहिए आजादी और कश्मीर में कत्लेआम बंद करो..के नारे लगाये. जानकारों के अनुसार 74 साल तक POK में जारी गलत नीति पाकिस्तान को अब भारी पड़ रही है.
People from #Pakistan occupied #Kashmir (POK) are shouting slogans “Pakistani forces go back go back”, “We want freedom” and “Stop k!ll!ing in Kashmir “, stopping United Nations @UN vehicle in the middle of the road. pic.twitter.com/q9JtNCuvdZ
— Koustuv 🇮🇳 🧭 (@srdmk01) July 8, 2022
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POK में इन दिनों प्रदर्शन आम बात हो गयी है
एक अखबार के अनुसार POK में इन दिनों प्रदर्शन आम बात हो गयी है. गिलगिट, स्कार्दू और कुछ अन्य हिस्सों में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं. लोगों में असंतोष बढ़ता जा रहा है. एक ट्विटर अकाउंट ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, POK के लोग पाकिस्तानी सेना वापस जाओ, हम आजादी चाहते हैं और कश्मीर में हत्या बंद करो के नारे लगा रहे हैं. सड़क के बीच में UN की गाड़ी रोकी गयी है.
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गिरफ्तारियों को लेकर हो रहा विरोध
खबरों के अनुसार प्रदर्शन कर रहे लोग लोड शेडिंग, महंगाई और जमीनों को खनन के लिए विदेशी कंपनी को लीज पर देने सहित अन्य मुद्दों को लेकर पाक सरकार से नाराज हैं. साथ ही लोग POK में इमामिया समुदाय के लोगों की गिरफ्तारियों को लेकर भी नाराज बताये जाते हैं. हालांकि सरकार ने गिरफ्तार लोगों को जल्द रिहा करने की बात कही थी. जानकारी के अनुसार 13 अक्टूबर 2005 में हुई 13 नेताओं की गिरफ्तारी की निंदा के लिए गिलगिट में हाल ही में प्रदर्शन हुए. 2009 में एक सैन्य अदालत ने इन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई थी.
उम्रकैद की सजा पाने वाले 13 युवकों की रिहाई पर चिंता जाहिर की थी
पिछले सोमवार को जाफरिया समुदाय के प्रमुख आगा राहत हुसैन अल-हुसैन ने उम्रकैद की सजा पाने वाले 13 युवकों की रिहाई पर चिंता जाहिर की थी. पिछले छह दिनों से जाफरिया समुदाय की महिलाओं और बच्चों का प्रदर्शन जारी है. स्थानीय मीडिया के अनुसार अंजुमन-ए-इस्लामिया ने भी इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया है, क्योंकि दो माह पहले सरकार ने उनकी रिहाई का वादा किया था, लेकिन अभी तक यह मामले ठंडे बस्ते में है.
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