New Delhi : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने फिर इतिहास रच दिया है. ISRO ने बुधवार को LVM3-M6 बाहुबली की अंतरिक्ष में सफल लॉन्चिंग की है.
Congratulations to Team @isro on the successful launch of LVM3-M6 ‘Bahubali’ 🚀, placing the 6 tonnes Bluebird Block-2 communication satellite into Low Earth Orbit.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) December 24, 2025
This launch of the heaviest payload ever from Indian soil reflects 🇮🇳’s growing technological prowess and success… pic.twitter.com/o6owCEi9V5
ISRO ने जानकारी दी कि लॉन्च किये जाने के 15 मिनट बाद ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट रॉकेट से अलग हो गया. इसे 520 किमी की ऊंचाई पर अपनी तय लो अर्थ ऑर्बिट में स्थापित कर दिया गया.
ISRO के अनुसार लगभग 6,100 किलोग्राम द्रव्यमान वाला ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट को LVM3 द्वारा लो अर्थ ऑर्बिट में सेटल कर दिया गया.
इसने नवंबर में लॉन्च हुए 4,400 किलोग्राम के कम्युनिकेशन सैटेलाइट के पिछले रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया है. लॉन्च से पहले ISRO के चेयरमैन वी नारायणन ने तिरुमाला मंदिर में पूजा-अर्चना की.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने LVM3-M6 बाहुबली के सफल लॉन्च के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की तारीफ करते हुए एक्स पर पोस्ट किया.
विदेश मंत्री ने लिखा, LVM3-M6 'बाहुबली के सफल लॉन्च के लिए टीम @isro को बधाई, जिसने 6 टन के ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 कम्युनिकेशन सैटेलाइट को लो अर्थ ऑर्बिट में स्थापित किया.
उन्होंने लिखा, भारतीय धरती से अब तक के सबसे भारी पेलोड का यह लॉन्च भारत की बढ़ती तकनीकी क्षमता को दर्शाता है. पीएम का जिक्र करते हुए लिखा.
यह @नरेंद्रमोदी के नेतृत्व में #आत्मनिर्भरभारत की सफलता" को भी दिखाता है. जान लें कि ISRO का LVM3-M6 मिशन आज बुधवार को श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च हुआ.
अमेरिकी कंपनी AST SpaceMobile के साथ एक कमर्शियल समझौते के तहत मिशन पूरा किया गया. बता दें कि 43.5 मीटर लंबे LVM3 लॉन्च व्हीकल में दो S200 सॉलिड स्ट्रैप-ऑन बूस्टर लगे हुए थे. 24 घंटे की उलटी गिनती पूरी होने के बाद आज सुबह 8.55 बजे इसकी लॉन्चिंग हुई.
ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 अगली पीढ़ी के सैटेलाइट आर्किटेक्चर का हिस्सा बताया गया है, जिसका मकसद दुनिया भर में सीधे स्मार्टफोन पर सेलुलर ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी देना है. प्रधानमंत्री मोदी ने ISRO की सराहना करते हुए भारत की लंबी अवधि की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं के लिए इस मिशन के महत्व को दर्शाया.
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