NewDelhi : बांग्लादेश में इस्कॉन लीडर चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद से वहां के हालात गंभीर एवं तनावपूर्ण हैं. वहां हिंदुओं की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है. बता दें कि अल्पसंख्यकों खासतौर पर हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर भारत सरकार चिंता जाहिर कर चुकी है. आज गुरुवार को बांग्लादेश मामले को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच अहम बैठक हुई है. , जानकारी के अनुसार विदेश मंत्री ने पीएम मोदी को बांग्लादेश के ताजा हालात के बारे में बताया है.
मोदी सरकार बांग्लादेश के मुद्दे पर सदन में बयान देने को तैयार
सूत्रों की मानें तो अगर सदन सुचारू रूप से चलेगा, तो मोदी सरकार बांग्लादेश के मुद्दे पर सदन में बयान देने को तैयार है. बता दें कि बुधवार को कांग्रेस ने मोदी सरकार से बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाने की मांग की थी. सरकार पहले ही बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सामने चिन्मय दास की गिरफ्तारी और जमानत न दिये जाने पर विरोध जता चुकी है. खबर है कि इस्कॉन लीडर्स समेत देश के कई रिटायर्ड जजों ने पीएम मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है.
इस्कॉन के चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार किया गया
25 नवंबर को बांग्लादेश में ढाका एयरपोर्ट से इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार किया गया था. उन पर बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप है. इस मामले में उनके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया. मंगलवार को कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया. इसके बाद इस्कॉन समर्थकों की भारी भीड़ कोर्ट के बाहर गयी. इस दौरान भीड़ की हिंसा में एक सरकारी वकील की हत्या कर दी गयी.
हाईकोर्ट में इस्कॉन पर बैन लगाने की मांग करते हुए याचिका दायर
बांग्लादेश की हाईकोर्ट में इस्कॉन पर बैन लगाने की मांग करते हुए एक याचिका दायर की गयी है. इस याचिका पर जब कोर्ट ने यूनुस सरकार से उसका पक्ष मांगा तो यूनुस सरकार से कोर्ट के सामने इस्कॉन को एक कट्टरपंथी संगठन करार दिया. बांग्लादेश में इस्कॉन के लगभग 65 मंदिर हैं. 50 हजार से अधिक फॉलोवर्स हैं. शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद से देश में अल्पसंख्यकों खास तौर पर हिंदुओं के खिलाफ हिंसा बढ़ गयी है.