कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की 11 छात्राएं कोरोना संक्रमित,हड़कंप
alt="" width="600" height="400" /> उन्होंने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ ही छात्राएं भी बड़ी संख्या में अध्ययन कर रही हैं जो यह दर्शाता है कि याज्ञवलक्य के साथ ही गार्गी भी भारतीय ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे रही हैं. मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के लिए प्रतिबद्धता पर विश्वविद्यालय को बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह गर्व का विषय है कि झारखण्ड केन्द्रीय विश्वविद्यालय नयी शिक्षा नीति 2020 लागू करने वाला झारखण्ड का पहला विश्वविद्यालय बन गया है. इसे भी पढ़ें-तेजिंदर">https://lagatar.in/tension-between-delhi-and-punjab-police-over-tejinder-bagga/">तेजिंदर
बग्गा को लेकर दिल्ली और पंजाब पुलिस में तनातनी, हाई वोल्टेज ड्रामा कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलित कर विश्वविद्यालय के कुलगीत से हुई. कुलपति प्रो. क्षिति भूषण दास ने स्वागत वक्तव्य के रूप में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों एवं भविष्य की योजनाओं के बारे में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. इस दौरान कुलपति ने यह घोषणा की कि विश्वविद्यालय द्वारा डॉ. अंबेडकर सेंटर ऑफ एक्सिलेन्स की भी शुरुआत की गयी है जिसकी अध्यक्षता महिमा सेक्ट के कवि, दार्शनिक संत भीमा भोई करेंगे. कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में दो नए शोध केंद्र स्थापित किये गये हैं जिसमें बिरसा मुंडा सेंटर ऑफ इंडिजिनस नॉलेज एंड सस्टेनेबल डेव्लपमेंट एवं सेंटर फॉर एनवायरनमेंट, सोसाइटी एंड गवर्नेंस शामिल हैं. इसे भी पढ़ें-बोकारो:">https://lagatar.in/bokaro-second-randomization-of-polling-personnel-for-panchayat-elections/">बोकारो:
पंचायत चुनाव के लिए मतदान कर्मियों का दूसरा रेंडमाइजेशन द्वितीय दीक्षांत समारोह में 2020 से अब तक के कुल 704 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गयी. इनमें कुल 28 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और एक विद्यार्थी को कुलाधिपति पदक से सम्मानित किया गया और 27 शोध विद्यार्थियों ने डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की. इस बार कुलाधिपति पदक से गणित विभाग की स्वर्ण पदक विजेता प्रतीशा मिश्रा को सम्मानित किया गया.दीक्षांत समारोह की विशेष बात यह भी रही कि संपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन भारतीय परंपरा के अनुसार किया गया.शैक्षणिक शोभा यात्रा भी भारतीय परंपरा के अनुसार शंखनाद के साथ निकाली गयी.कार्यक्रम में रजिस्ट्रार प्रो. एस. एल. हरिकुमार ने धन्यवाद ज्ञापन दिया. [wpse_comments_template]