Ranchi: इंडिया गठबंधन को राष्ट्रपति से मिलने का समय नहीं मिल सका. इसपर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने प्रतिक्रिया दी है. झामुमो महासचिव विनोद पांडेय ने कहा कि इंडिया गठबंधन के नेताओं को राष्ट्रपति से मिलने का समय नहीं मिलना प्रदेश के लोगों के लिए दुर्भाग्यजनक है. पांडे ने ने कहा कि 4 मार्च को झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा एक पत्र राष्ट्रपति भवन को भेजा गया था, जिसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा एवं गठबंधन दलों के नेताओं की ओर से राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा गया था, मगर राष्ट्रपति भवन द्वारा आई सूचना के अनुसार, समय अभाव के कारण राष्ट्रपति मिलने में असमर्थ हैं.
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समय नहीं मिलना दुर्भाग्यजनक- झामुमो
विनोद पांडे ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यजनक है कि झारखंड की अस्मिता से जुड़े तीन मामले आरक्षण का दायरा बढ़ाने, सरना धर्म कोड और 1932 खतियान आधारित स्थानीय एवं नियोजन नीति को लेकर इंडिया गठबंधन का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मिलना चाहता था, पर समय नहीं मिल पाया. उन्होंने कहा कि सरना धर्म कोड झारखंड के आदिवासी समाज का सबसे प्रमुख मांग रहा है और इसको लेकर लंबे समय से आंदोलन किया जा रहा है. इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने इस बिल को विधानसभा से पास करके राजभवन भेजा. इसके साथ ही झारखंड के लोगों के बहुत पुरानी मांग 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति और नियोजन नीति का बिल भी हेमंत सोरेन सरकार ने विधानसभा से पास करके राजभवन को भेजा. मगर इस दुर्भाग्य ही कहा जाएगा की राजभवन में लंबे समय से लटकाया और फिर सरकार को वापस भेज दिया गया.
राजभवन में लौटाए कई बिल
पांडेय ने कहा कि इसके बाद फिर सरकार ने इस बिल को पास करके राजभवन को भेजा गया है. इसी तरह झारखंड में एसटी एससी और ओबीसी वर्ग का आरक्षण का दायरा बढ़ाते हुए एसटी को 26 से 28, एसी का 10 से 12 और ओबीसी का 14 से 27 प्रतिशत करने का बिल पास करके राजभवन को भेजा गया. एक तो राजभवन ने इसे लंबे समय तक लटकाए रखा, उसके बाद इसे भारतीय संविधान का हवाला देते हुए संविधानिक नहीं होने की दुहाई देते हुए वापस कर दिया. इन सभी मामलों को लेकर इंडिया गठबंधन के लोग राष्ट्रपति से मिलना चाहते थे. मगर राष्ट्रपति भवन के द्वारा समय नहीं दिया गया. पांडे ने कहा कि एक बार फिर से राष्ट्रपति भवन को पत्र लिखकर समय की मांग की जाएगी, ताकि झारखंड से जुड़े यह हम मसले पर राष्ट्रपति के समक्ष अपनी बात को रखा जा सके.
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11 लाख लोग देश छोड़कर चले गए और विदेश के लोगों को नागरिकता देना चाहती है मोदी सरकार
विनोद पांडे ने सीएए कानून पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि यह अजीब सी स्थिति है. हमारे देश से 11 लाख लोग भारत छोड़कर चले गए जो कहीं ना कहीं हमारे देश के आर्थिक स्थिति के लिए अच्छा संकेत नहीं है. सरकार इन्हें वापस लाने के बजाय विदेश के लोग को यहां पर बसाने का रास्ता खोलना चाहती है. इस कानून को जिस अंदाज से और जितनी हड़बड़ी में लाया गया है. उससे प्रतीत होता है कि इस कानून का लाभ मोदी सरकार चुनावी चश्मा के तहत उपयोग करना चाहती है.
गठबंधन का खाखा तैयार, जल्द होगी घोषणा
विनोद पांडे ने कहा कि इंडिया गठबंधन के सीटों का खाखा तैयार हो चुका है. बहुत जल्द सीट और प्रत्याशियों की घोषणा कर दी जाएगी. किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है. कौन सीट पर क्या पेंच है. यह मीडिया के ऊपज है, सारा कुछ तय हो चुका है बस थोड़ा सा इंतजार करें.
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