New Delhi : न्यायिक प्रश्नों पर निर्णय के दौरान समाधान के लिए संस्थागत सहयोग जरूरी है और यह न्याय तक पहुंच बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभाता है. CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को यहां बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन 2023 के उद्घाटन समारोह में यह बात कही. CJI ने कहा कि यह सोचना काल्पनिक है कि ऐसा भी एक दिन आयेगा, जब हम सटीक समाधान तलाश पायेंगे और न्याय प्रदान करते वक्त कोई चुनौती नहीं होगी. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
Utopian to think justice delivery can’t be challenged: CJI at International Lawyers’ Conference
Read @ANI Story | https://t.co/0JGkiQ586f#DYChandrachud #InternationalLawyersConference #NewDelhi pic.twitter.com/ZmweatL5Vh
— ANI Digital (@ani_digital) September 23, 2023
#WATCH | Delhi: At the inaugural event of the ‘International Lawyers’ Conference 2023, CJI DY Chandrachud says, “…India has a relatively infant law for IBC and we have drawn extensively from jurisdictions such as UK, US, Australia, Singapore… knowledge sharing is a two-way… pic.twitter.com/GFKdbL1zf3
— ANI (@ANI) September 23, 2023
विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच शक्तियों का बंटवारा करता है संविधान
CJI ने कहा, एक ऐसी दुनिया की कल्पना करना निश्चित रूप से काल्पनिक नहीं है, जहां राष्ट्र, संस्थाएं और व्यक्ति बिना किसी खतरे के या अपमान महसूस किये एक-दूसरे के साथ जुड़ने और सीखने के लिए तैयार होंगे. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि संविधान विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच शक्तियों का बंटवारा करता है. साथ ही यह संस्थाओं को एक-दूसरे से सीखने और न्याय प्रदान करने का मार्ग भी प्रशस्त करता है. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘न्यायिक प्रश्नों पर निर्णय के दौरान समाधान के लिए संस्थागत सहयोग जरूरी है और यह न्याय तक पहुंच बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभाता है.
पीएम मोदी ने अंतरराष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन 2023 का उद्घाटन किया
जान लें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन 2023 का उद्घाटन किया. प्रधान न्यायाधीश सम्मेलन के मुख्य अतिथि थे. कार्यक्रम में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, लॉर्ड चांसलर एवं ब्रिटेन के न्याय संबंधी अधिकारी एलेक्स चाक केसी, भारत के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा, उच्चतम न्यायालय के कई न्यायाधीश उपस्थित थे.
विदेशी अदालतें भारत के उच्चतम न्यायालय के फैसलों का जिक्र करती हैं
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने देशों, संस्थानों और व्यक्तियों के बीच जुड़ाव का जिक्र करते हुए कहा, मेरा मानना है कि इसी मेलमिलाप में ही समाधान तलाशने के तरीके मिलेंगे. उन्होंने कहा कि विदेशी अदालतें भारत के उच्चतम न्यायालय के फैसलों का अक्सर जिक्र करती हैं और उन पर भरोसा करती हैं. भारत ने मॉरीशस और भूटान में सुप्रीम कोर्ट की इमारतों का निर्माण करा कर अहम भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि संविधानसभा द्वारा भारत के संविधान का निर्माण किया जाना दलगत भावना से ऊपर उठ कर जुड़ने का एक खास उदाहरण है।. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, हम इस तरह के प्रयास देखते हैं और यह कुछ ऐसी चीज है जिस पर भारतीय नागरिक होने के नाते हमें गर्व होना चाहिए. यह हाल में संसद में महिला आरक्षण विधेयक पारित होने के दौरान भी दिखा.