Ranchi : आदिवासी स्वशासन अधिकार मंच और साथी संगठन की ओर से पेसा नियमावली, ग्राम सभा के अधिकारों व स्वायत्त जिला परिषद के गठन पर चर्चा हुई. कहा गया कि केंद्रीय पंचायती राज विभाग के निर्देशानुसार राज्यों को पेसा नियमावली बनाना जरूरी है. इसके जरिये ही राज्य में पेसा कानून के प्रावधानों को लागू किया जाएगा. नियमावली नहीं बनने से केंद्र से मिलने वाली आर्थिक सहायता बंद हो जाएगी. झारखंड में अनुसूचित क्षेत्र के अंदर 16 हजार गांव शामिल हैं.
इन संगठनों के लोग शामिल हुए
बैठक में जेंडर रिसोर्स सेंटर, मानकी मुंडा संघ पश्चिम सिंहभूम, मानकी मुंडा संघ पूर्वी सिंहभूम, झारखंड उलगुलान संघ खूंटी, केंद्रीय जन संघर्ष समिति लातेहार गुमला, झारखंड प्रदेश गोंड आदिवासी महासभा सिमडेगा, मुंडा सभा रांची, आदि संगठन शामिल हुए. मौके पर बिनीत मुंडू, दीपक बाड़ा, एलेस्टेयर बोदरा, दयामनी बरला, सुदर्शन भेंगरा, रोज खाखा, कृष्णा समद, डेमका सोय, संजीव भगत, सोमय मार्डी, जेरोम जेराल्ड कुजूर, विजय गुड़िया, श्याम किशोर प्रधान, बिल्कन डांग, फुल्जेंसिया बिलुंग, रामचंद्र उरांव, शामिल थे.
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