Hazaribagh: गौतम बुद्ध शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में आजादी का अमृत महोत्सव पर आयोजित व्याख्यानमाला में बुधवार को मुख्य अतिथि के रूप में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेंस फाउंडेशन (KSCF) के वरिष्ठ कार्यकर्ता और बचपन बचाओ आंदोलन के पूर्व राष्ट्रीय सचिव गोविंद खनाल शामिल हुए. गोविंद खनाल ने कहा कि बाल मजदूर मुक्त भारत का निर्माण सबकी नैतिक जिम्मेवारी होनी चाहिए. एक भी बच्चा बाल अधिकार से वंचित नहीं रहे. यही हमारे राष्ट्र के नागरिकों का सपना होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि बच्चों को सामाजिक और कानूनी न्याय दिलाना हमारा कर्तव्य है. बाल मजदूर मुक्त भारत का निर्माण ही सही मायने में आजादी है. उन्होंने सभागार में मौजूद सभी लोगों को संकल्प दिलाया कि जहां भी वे बालश्रम देखें, उस पर अपना विरोध दर्ज करें. उस बच्चे को न्याय दिलाने की जिम्मेवारी निभाएं. बाल अधिकार दिलाने के लिए सरकारी संस्था बाल कल्याण इकाई हर जिले में गठित है. अगर कहीं बच्चे को बाल मजदूरी करते देखें, तो तुरंत चाइल्ड हेल्प लाइन-1098 पर शिकायत दर्ज करें. बच्चों की मदद के लिए उन्होंने अपना व्यक्तिगत मोबाइल नंबर-9205585919 भी सार्वजनिक किया.
उन्होंने कहा कि आदर्श समाज निर्माण के लिए बच्चों का नैतिक विकास जरूरी है. बालश्रम और बाल तस्करी जैसे अपराध झारखंड में ज्यादा बढ़ रहे हैं. राज्य के खूंटी, गुमला, सिमडेगा, सिंहभूम, कोडरमा, गिरिडीह और बिहार के सीमावर्ती इलाके जमुई जैसे जिलों से मानव व्यापार किए जा रहे हैं. खासकर कोविड के बाद बेरोजगारी बढ़ने से यह अपराध ज्यादा बढ़ा है. इसका सर्वाधिक दुष्प्रभाव बच्चों पर पड़ रहा है. रोजगार के नाम पर झारखंड की बेटी-बहनें कथित प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से महानगरों में बेची जा रही हैं. उनके साथ शारीरिक, मानसिक और आर्थिक हर प्रकार के शोषण हो रहे हैं. KSCF वर्षों से इन अपराध की जड़ों को मूल समेत नष्ट करने की कोशिश में लगी है. लेकिन इसकी जड़ें एक व्यक्ति और एक संस्था से नहीं काटी जा सकतीं हैं.
गोविंद खनाल ने कहा कि इसके लिए पूरे समाज को संकल्पित होना होगा. हर बच्चे को अपना समझना होगा, तभी इस भयावह सामाजिक समस्या का निदान हो सकेगा. गोविंद खनाल ने इससे संबंधित कई उदाहरण पेश किए. उन्होंने बालश्रम मुक्ति के लिए किए गए प्रयासों की विस्तार से जानकारी दी. इससे पहले उन्होंने विद्या ददाति विनयम्, विद्या ददाति पात्रताम्……श्लोक के माध्यम से बच्चों के प्रति सकारात्मक सोच विकसित करने की नसीहत दी. उन्होंने कहा कि बच्चों को उनके बुनियादी और मौलिक अधिकार से वंचित नहीं रखा जाए. इसके लिए मजबूत सामाजिक और राजनीतिक इच्छाशक्ति पैदा करने की आवश्यकता है.
कार्यक्रम में व्याख्याता डॉ वसुंधरा कुमारी, डॉ पुष्पा कुमारी, कुमारी अंजलि, पुष्पा कुमारी, दीपमाला, रचना कुमारी, अन्नपूर्णा कुमारी सिंह, संदीप खलखो, अनिल कुमार, दशरथ कुमार, महेश प्रसाद, अजय कुमार यादव, रूपेश कुमार दास, जागेश्वर रजक, गुलशन कुमार, दिलीप कुमार, संदीप कुमार सिन्हा, परमेश्वर यादव, लीना कुमारी, अब्राहम धान, अशोक कुमार सिन्हा, कनकलता, शिक्षकेत्तर कर्मी अंजन कुमार, संजय कुमार वर्मा, ज्योति हेम्मा एक्का, राजकुमार साव व बीएड और डीएलएड के प्रशिक्षुगण मौजूद थे. इसके अलावा कार्यक्रम में कॉलेज प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष मनोज कुमार, प्राचार्य डॉ अरविंद कुमार यादव और उप प्राचार्य डॉ प्रमोद प्रसाद मौजूद थे.
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