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अपूर्ण राज्य पिछड़ा आयोग को ट्रिपल टेस्ट की जिम्मेवारी देना गलत : दीपक प्रकाश

  • लगाया आरोप, पिछड़ों को आरक्षण एवं ट्रिपट टेस्ट को लेकर सरकार की मंशा साफ नही
Ranchi : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने गुरुवार को ट्रिपल टेस्ट को लेकर राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा किया. कहा कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का अभी तक पूर्ण रूप से गठित नहीं हुआ है. आयोग अध्यक्ष विहीन है. दूसरी ओर राज्य सरकार कैबिनेट की बैठक में पिछड़ा वर्ग आयोग से ट्रिपल टेस्ट कराने का निर्णय लेती है. उन्होंने कहा कि यह सरकार पहले नामांकन, बाद में स्कूल खोलने पर विचार करती है. कहा कि ट्रिपल टेस्ट को लेकर राज्य सरकार की मंशा साफ नहीं है. हेमंत सरकार की नीति और नियत में ही खोट है. मंशा साफ रहती तो पंचायत चुनाव में पिछड़ों के हक को सरकार नहीं मारती. पंचायतों में भी पिछड़े समाज को उचित प्रतिनिधित्व मिलता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. और अब नगर निकाय चुनाव में भी राज्य सरकार पिछड़ा समाज को धोखा देने की तैयारी में है.

सरकार को निकाय चुनाव में हार का भय सता रहा

दीपक प्रकाश ने कहा कि आखिर यह सरकार अध्यक्ष विहीन पिछड़ा वर्ग आयोग से कैसा ट्रिपल टेस्ट कराना चाहती है. आयोग की भी अपनी प्रक्रिया होती है. आयोग ट्रिपल टेस्ट का निर्णय तभी कर पाएगा, जब वह पूरी तरह फंक्शन में आएगा. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार को नगर निकाय चुनाव में हार का भय सता रहा है. दलीय आधार पर चुनाव नहीं होने के बावजूद जिस प्रकार से पंचायत चुनाव में ग्रामीण जनता ने भाजपा के कार्यकर्ताओं को बढ़चढ़कर जिताया, नगर निकाय चुनाव में भी इसी को दोहराया जाएगा. राज्य की जनता भ्रष्टाचार, तुष्टिकरण में डूबी विकास विरोधी हेमंत सरकार से ऊब चुकी है. इसे भी पढ़ें – झारखंड">https://lagatar.in/names-of-railway-stations-should-be-written-in-bangla-in-bengali-speaking-areas-of-jharkhand-shibu-soren/">झारखंड

के बंगभाषी क्षेत्रों में बांग्ला में लिखा जाये रेल स्टेशनों के नाम : शिबू सोरेन
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