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नियमावली में कोई ऐसा संशोधन नहीं किया जाये जिससे वनरक्षियों की प्रोन्नति प्रभावित हो
संघ के राज्य मीडिया प्रभारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि वनरक्षी नियुक्ति नियमावली 2014 का निर्माण तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में किया गया था. उक्त नियमावली बनाते वक्त इस बात का ख्याल रखा गया कि वनरक्षी की प्रोन्नति प्रभावित ना हो एवं उनको सेवा काल अवधि में न्यूनतम 3 प्रोन्नति मिले. इसके लिए प्रावधान किया गया. वन विभाग में पहले ऐसा देखा जाता रहा है कि अवर संवर्ग वनकर्मी को उनकी सेवा अवधि में एक भी प्रोन्नति नहीं मिल पायी. सेवानिवृत्ति भी मूल पद में हो गयी. इन्हीं बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नियमावली को बनाया और यह नियमावली बनाना ऐतिहासिक कदम साबित हुआ. उसी नियमावली के आधार पर झारखंड में पहली बार 2204 वनरक्षियों की नियुक्ति हुई. आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार है. ऐसे में उनसे मांग है कि 2014 की नियमावली में कोई ऐसा संशोधन नहीं किया जाये और ना ही कोई नई नियमावली बनाई जाए, जिससे वनरक्षियों की प्रोन्नति प्रभावित हो और उनका भविष्य अंधकार में हो. इसे भी पढ़ें - खान">https://lagatar.in/mines-department-team-raided-the-depot/">खानविभाग की टीम ने डिपो में की छापेमारी [wpse_comments_template]
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