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जादूगोड़ा : राखा कॉपर दिशोम जाहेरथान में मनाया गया बाहा महोत्सव

Ghatshila : राखा कॉपर दिशोम जाहेरथान में बुधवार को बाहा महोत्सव मनाया गया. इस मौके पर झारखंडी संस्कृति की झलक देखने को मिली. धमसा और मांदर की थाप पर महिलाओं ने आकर्षित बाहा नृत्य किया. जाहेरथान में मरांग बुरु, जाहेर आयो देवी और देवताओं से गांव के नायके बरियर मुर्मू ने क्षेत्र की खुशहाली, सुख-समृद्धि व निरोग रखने की कामना की. ग्राम प्रधान सुनील टुडू ने बाहा महोत्सव की जानाकरी दी. उन्होंने कहा कि सखुआ के वृक्ष जब फूलों से सुसज्जित होने लगते हैं और महुआ के फूलों की सुंगध वातावरण में मादकता घोलने लगती है, तब प्रकृति पुत्र संताल जनजाति अपने पवित्र व पावन बसंतोत्सव में बाहा पर्व का आगाज करते हैं. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2022/03/Ghatshila-baha-350x250.jpg"

alt="" width="350" height="250" /> इसे भी पढ़ें : किरीबुरु">https://lagatar.in/kiriburu-thursday-soy-of-eklavya-archery-academy-selected-in-jharkhand-team/">किरीबुरु

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संताली भाषा में बाहा का अर्थ होता है फूल अर्थात् फूलों का पर्व. ऐसे समय जब प्रकृति फूलों और वृक्षों के नए पत्तों से अपना शृंगार करती है और बसंत जब जन-जन के मन में हिलोरे लेने लगता है तब संताल जाति बाहा पर्व मनाती है. बाहा पर्व में सारजोम अर्थात् सखुआ के फूल का विशेष महत्व होता है. दूसरे शब्दों में सखुआ व महुआ के फूल के बिना बाहा पर्व की बात करना ही बेमानी है. कार्यक्रम को सफल बनाने में नायके बाबा बरियर मुर्मू, कुलगोड़ा ग्राम प्रधान सुनील टुडू, कालिकापुर तरफ परगना पुनता मुर्मू, मोचीराम हांसदा, बर्डी मुर्मू, निवाई मुर्मू समेत ग्रामीणों ने अहम भूमिका निभाई. [wpse_comments_template]

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