केरुकोचा में 11 को निकलेगा झंडा जुलूस
दिगरसाईं की गायत्री मुर्मू ने समाज की बुराइयों को उठाया
इस मौके पर उन्होंने कहा कि संथाल समाज को सुदृढ़ करने के लिये यह भी फैसला लिया गया कि एक ही गोत्र में शादी करने वालों के विवाह समारोह में समाज के लोग भाग नहीं लेंगे. इस मसले पर दिगरसाईं की गायत्री मुर्मू ने समाज की बुराइयों को धर्म अखाड़ा में उठाया. उन्होंने ऐसे विवाह पर ग्राम प्रधान की मंजूरी को भी अहम बताया. इसके बाद देश परगना बैजू मुर्मू ने इस फैसले पर अपनी मुहर लगाई.लिपूघुटु की मायनों मुर्मु ने उठाए ये मुद्दे
[caption id="attachment_284046" align="aligncenter" width="600"]alt="" width="600" height="327" /> बैठक में उपस्थित पुरुष और महिलाएं.[/caption] लिपूघुटु की मायनों मुर्मु ने भी संथाल समाज की पूजा पाठ में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने, बच्चों को आगे बढ़ाने, संथाल भाषा के संरक्षण, गांव में माझी बाबा की अनुमति के बगैर गांव में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक, सरकार द्वारा प्राप्त अधिकार व हक समेत विभिन्न समस्या पर चर्चा की.
धर्म अखाड़ा में इन्होंने लिया भाग
इस धर्म अखाड़ा में देश परगना बैजू मुर्मू, आसनबनी के तरफ हरि पदो मुर्मू, हल्दीपोखर के तरफ परगना सुशील हांसदा, यूवराज टुडू, श्याम सोरेन, कुशल सोरेन, सुफल मुर्मू,जगदीश चंद्र मुर्मू, रघुनाथ मुर्मू,कृष्ण हेंब्रम, दासमत मुर्मु समेत मेचुआ, भाटीन,झरिया,धोबनी, राजदोहा, तिलाईटाड़ , दूड़कू, काला पत्थर, कोकदा, गोपालपुर, आसनबनी, दिगरसाई, कानीकोला गांव के माझी बाबा ने भाग लिया. इसे भी पढ़ें: सरकार">https://lagatar.in/government-approval-cbi-action-on-meghalaya-governor-satya-pal-malik-soon/">सरकारकी मंजूरी, मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक पर CBI कार्रवाई जल्द [wpdiscuz-feedback id="l5asqavd6c" question="Please leave a feedback on this" opened="1"][/wpdiscuz-feedback]

Leave a Comment